MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव में किसानों और पशुपालकों को आकर्षित करने के लिए कांग्रेस ने बड़ा दांव चला है. कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में सरकार बनने पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की तर्ज पर दो रुपए किलो की दर पर गोबर खरीदने का वचन दिया है. वही, गेहूं और धान की फसल के लिए किसानों को ज्यादा मूल्य देने की घोषणा की है.
यहां बताते चलें कि मंगलवार (18 अक्टूबर) को पीसीसी के कमलनाथ ने भोपाल में चुनाव के लिए अपने 1200 से ज्यादा वचन की घोषणा की. उन्होंने इसमें राज्य के किसानों और पशुपालकों को लुभाने के लिए कई वचन दिए हैं. कांग्रेस की तरफ से वचन दिया गया है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की तर्ज पर नंदिनी गोधन योजना लाएगी.
इसमें 2 रुपये किलो की दर से गोबर खरीदा जाएगा. कांग्रेस ने किसानों से 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान और 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर गेहूं खरीदने का वादा भी किया है. इसे बाद में बढ़ाकर 3000 रुपये क्विंटल तक ले जाने की बात कही है. इसी तरह पशु पालकों को सहकारी क्षेत्र के माध्यम से दूध खरीदी पर पांच रुपए लीटर बोनस दिया जाएगा.
यहां देखें किसानों के लिए कांग्रेस ने क्या वचन दिए हैं-
1. किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ
2. गेहूं का 2600 रुपए और धान का 2500 रुपए मूल्य दिया जाएगा.
3. पांच हार्स पावर तक फ्री बिजली और 10 हार्स पावर तक 50 फीसदी की छूट.
4. नंदिनी गोधन योजना शुरू होगी, जिसमें 2 रुपए किलो की दर से गोबर खरीदा जाएगा.
5. कांग्रेस ने साल 2019 में एक हजार गौशालाएं शुरू की थी, उसे बीजेपी ने बंद कर दिया है. कमलनाथ ने वादा किया है कि उन्हें पुनः प्रारंभ करेंगे.
6. गो-ग्रास का अनुदान बढ़ाया जाएगा.
7. सहकारी क्षेत्र के माध्यम से दूध खरीदी पर पांच रुपए लीटर बोनस दिया जाएगा.
8. किसान फ्रेंडली मोबाइल एप बनाया जाएगा.
आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि और पशुपालन है
आइये अब जानते है कि कांग्रेस के वचन पत्र में किसानों और पशुपालकों का इतना ध्यान क्यों रखा गया है?दरअसल, मध्य प्रदेश की जनसंख्या 07.26 करोड़ (जनगणना-2011 के अनुसार) है. इस आंकड़े के हिसाब से मध्यप्रदेश का देश में पांचवा स्थान है.राज्य की कुल जनसंख्या में 72 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है, उसकी आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि और पशुपालन है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश में कुल किसानों की संख्या 1 करोड़ है. इसमें 1 हेक्टेयर तक जोत सीमा वाले सीमांत किसान 38 लाख 91 हजार हैं.
भारत में सबसे अधिक गेहूं उत्पादन वाला राज्य है MP
वहीं, लघु किसान जिनकी जोत सीमा 1 से दो हेक्टेयर के बीच है, उनकी संख्या 24 लाख 49 हजार है.इस हिसाब से प्रदेश में 48.3 प्रतिशत सीमान्त कृषक हैं,जबकि 27.15 प्रतिशत लघु कृषक हैं. साल 2023 के अनुमान के मुताबिक बढ़ती जनसंख्या के अनुपात में किसानों और पशुपालकों की संख्या भी बढ़ी. मध्य प्रदेश भारत में सबसे अधिक गेंहू उत्पादन वाला राज्य है. राष्ट्रीय स्तर पर चना, गेहूं, अरहर, सरसों, लहसुन, धनिया, टमाटर, कुल दलहन और कुल तिलहन में भी राज्य का स्थान अग्रणी उत्पादक प्रदेशों में शामिल है.
पशु पालक एक बड़ा वोट बैंक है
वरिष्ठ पत्रकार मनीष गुप्ता कहते हैं कि मध्य प्रदेश में किसान और पशुपालक एक बड़ा वोट बैंक है. इसी वजह से कांग्रेस ने उनके लिए बड़े-बड़े वादे अपने वचन पत्र में किए हैं. बीजेपी भी पहले से उनके लिए तमाम योजनाएं चल रही है, जिनकी घोषणा वह अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी करेगी.
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