MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश की 66 विधानसभा सीटों ने कांग्रेस को टेंशन दे रखी है. पिछले पांच चुनाव में पार्टी को इन सीटों पर लगातार हार का सामना करना पड़ा है. अब कांग्रेस के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) और दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने इन सीटों को जीतने के लिए फाइव पॉइंट प्रोग्राम तैयार किया हैं.
पार्टी की रणनीति चुनाव से पहले इन सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित करने पर है. चेहरों की तलाश कांग्रेस ने शुरू कर दी है. बता दें कि पहले चरण में पार्टी का फोकस हारी हुई 66 सीटों पर है.
66 सीटों पर लगातार चुनाव हार रही थी कांग्रेस
रहली, दतिया, बालाघाट, रीवा, सीधी, नरयावली, भोजपुर, सागर, हरसूद, सोहागपुर, धार, इंदौर दो, इंदौर चार, इंदौर पांच, मंदसौर, महू, गुना, शिवपुरी, देवसर, धौहनी, जयसिंहनगर, जैतपुर, बांधवगढ़, मानपुर, मुड़वारा, जबलपुर कैंट, पनागर, सिहोरा, परसवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, आमला, टिमरनी, सिवनी मालवा, होशंगाबाद, सोहागपुर, पिपरिया, भोजपुर, कुरवाई, शमशाबाद, बैरसिया, गोविंदपुरा, बुधनी, आष्टा, सीहोर, सारंगपुर, सुसनेर, शुजालपुर, देवास, खातेगांव, बागली, खंडवा, पंधाना, बुरहानपुर, धार, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, रतलाम सिटी, मल्हारगढ़, नीमच और जावद सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने मार्च में लगातार दो दिन तक चुनावी रणनीति पर चर्चा की.
फाइव पॉइंट प्रोग्राम के जरिए जीतने की तैयारी
दिग्विजय सिंह ने विंध्य और ग्वालियर-चंबल की कुछ सीटों पर सेक्टर और मंडलम की बैठकों के बाद कार्यकर्ताओं का फीडबैक कमलनाथ को दिया. गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों विंध्य और ग्वालियर-चंबल का दौरा किया था. दौरे के क्रम में दिग्विजय सिंह रीवा और सतना जिले की हारी हुई विधानसभा सीटों पर पहुंचे. दिग्विजय को इन सीटों की जमीनी हकीकत और कार्यकर्ताओं का फीडबैक लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस माह दिग्विजय सिंह हार वाली अन्य सीटों पर पहुंचेंगे.
फाइव पॉइंट प्लान के मुताबिक कांग्रेस बीजेपी का गढ़ बन चुकी 66 सीटों पर सक्रिय और लोकप्रिय चेहरों का चयन पहले कर रही है, ताकि चुनाव से पहले उम्मीदवारों को इलाकों में पहुंचने का पर्याप्त समय मिल सके. इन सीटों का पर्यवेक्षक भी पर्याप्त समय देनेवाले प्रदेश पदाधिकारियों को बनाया गया है. इसी वजह से रीवा और सतना में पूरे समय दिग्विजय सिंह के साथ पर्यवेक्षक रहे. कांग्रेस को मजबूत स्थिति में लाने के लिए जातीय समीकरणों को भी टटोला गया.
फाइव पॉइंट प्रोग्राम
1. कांग्रेस स्थानीय मुद्दों की पहचान कर घोषणा पत्र तैयार करेगी.
2. वर्तमान विधायक के खिलाफ नाराजगी का मूल्यांकन कर माहौल बनाना.
3. हारी हुई सीटों पर जातीय समीकरण के हिसाब से उम्मीदवार चयन में प्राथमिकता.
4. कांग्रेस सवा साल के कार्यकाल को भुनाने पर फोकस कर रही है
5. महंगाई- बेरोजगारी सहित सत्ता विरोधी लहरों पर जन आंदोलन खड़ा करना है.