MP Assembly Election 2023: विधानसभा चुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस विधायक तरुण भनोत का कहना है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार और बेरोजगारी ने साथ-साथ पांव पसारे हैं. प्रदेश में बेरोजगारी डायन युवाओं को खाये जा रही है. कांग्रेस का आरोप है कि शिवराज सरकार के 17 वर्षीय कार्यकाल में 17 हजार युवाओं ने खुदकुशी की है.


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नीति को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस ने दावा किया है कि सूबे में 70 लाख युवा उच्च शिक्षा से वंचित हैं. इसके साथ ही राज्य में बेरोजगारी चरम पर है. छात्रों में बेरोजगारी से निराशा इस हद तक बढ़ गई कि सामने उज्जवल भविष्य का अवसर ना देखकर मौत को गले लगा लिया. भनोत ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो(NCRB) के आंकड़ों का हवाला दिया. उन्होंने आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार के 17 वर्षों के कार्यकाल में 17 हजार 326 छात्रों और बेरोजगारों ने मौत को गले लगाया है.


कांग्रेस की तरफ से दिये गए आंकड़े


वर्ष 2004 - 264 छात्रों और 282 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2005 - 199 छात्रों और 239 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2006 - 167 छात्रों और 296 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2007 - 326 छात्रों और 286 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2008 - 179 छात्रों और 331 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2009 - 597 छात्रों और 323 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2010 - 459 छात्रों और 374 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2011 - 451 छात्रों और 263 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2012 - 595 छात्रों और 442 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2013 - 667 छात्रों और 357 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2014 - 645 छात्रों और 333 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2015 - 625 छात्रों और 1265 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2016 - 843 छात्रों और 419 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2017 - 953 छात्रों और 535 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2018 - 862 छात्रों और 422 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2020 - 1158 छात्रों और 418 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


वर्ष 2021 - 1308 छात्रों और 414 बेरोजगारों ने आत्महत्या की


विधायक भनोत ने कहा कि शिवराज सरकार युवाओं के लिए नीति नहीं बल्कि युवाओं की दुर्गति की नीति बना रही है. हाल ही में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने विधानसभा में इस बात को स्वीकारा किया था कि प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में रजिस्ट्रर्ड 37 लाख 80 हजार 679 शिक्षित एवं 1 लाख 12 हजार 470 अशिक्षित बेरोजगार आवेदक रोजगार की बाट जोह रहे हैं. 1 अप्रैल 2020 से अब तक अर्थात बीते तीन वर्षो में मात्र 21 लोगों को शासकीय और अर्द्धशासकीय रोजगार उपलब्ध कराया गया है.


बताते चलें कि विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ कांग्रेस आक्रामक होती जा रही है. बीजेपी और शिवराज सरकार के खिलाफ कांग्रेस सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए घेरने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस ने युवाओं की आत्महत्या और बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार  सभाओं में बढ़ती बेरोजगारी का मुद्दा उठा रहे हैं.


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