MP Election: चुनाव से पहले कांग्रेस ने किसानों की इस मांग को बनाया बड़ा मुद्दा, गेहूं के समर्थन मूल्य बढ़ाने का अभियान
MP Politics: चुनावी साल में मध्य प्रदेश कांग्रेस ने किसानों की फसलों के समर्थन मूल्य को चुनावी मुद्दा बना लिया है. जीतू पटवारी गेहूं का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 3000 रुपये करने की मांग कर रहे हैं.
Congress on MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस किसानों को साधने की कोशिश में जुट गई है. किसानों के कर्ज की माफी के बाद अब गेहूं के समर्थन मूल्य को चुनावी मुद्दा बनाने की योजना बनाई है. प्रदेश की बीजेपी सरकार ने समर्थन मूल्य दो हजार 125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. जिसे तीन हजार रुपये करने की मांग को लेकर कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अभियान शुरू कर दिया है.
गेहूं के समर्थन मूल्य को चुनावी मुद्दा बनाकर कर रही किसान सभा
अगले कुछ ही महीनों में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर कांग्रेस एक बार फिर पिछली बार की तरह ही बीजेपी को चुनावी मैदान में चित कर अपनी जीत दर्ज कर प्रदेश में अपनी सरकार बनाना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस की ओर से किसानों हित की बात करते हुए गेहूं के समर्थन मूल्य को चुनावी मुद्दा बना लिया गया है.
इसके तहत कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी हरदा, उज्जैन, ग्वालियर, मंदसौर सहित अन्य जिलों में स्थानीय विधायकों के साथ किसानों की सभा कर चुके हैं. इन सभाओं में जिस तरह किसानों का समर्थन मिल रहा है, उसे देखते हुए अभियान को गति देने का निर्णय लिया गया है. जीतू पटवारी अब विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र में किसान सभा करने जा रहे हैं. विधानसभा चुनाव के वचन-पत्र में भी किसानों से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी.
2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद रही सरकार
मध्यप्रदेश में गेहूं रबी सीजन की प्रमुख फसल है. इस वर्ष 98 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है. वही असमय वर्षा और ओलावृष्टि के कारण उत्पादन और गुणवत्ता प्रभावित हुई है. जिसे प्रदेश सरकार दस प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूं समर्थन मूल्य दो हजार 125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सामान्य तौर पर ले रही है. इससे अधिक चमकविहीन गेहूं लेने पर पांच रुपये 31 पैसे प्रति क्विंटल की क्षति सरकार को उठानी होगी जिसके लिए वह तैयार है.
यह किसानों के लिए बड़ी राहत है पर कांग्रेस इसे नाकाफी मान रही है और लगातार प्रदेश सरकार पर यह दबाव बना रही है कि किसानों से प्रति क्विंटल तीन हजार रुपये की दर से गेहूं की खरीद की जाए लेकिन इस दर से प्रति क्विंटल गेहूं खरीदने का प्रदेश सरकार का मन नहीं है. यही कारण है कि अभी कांग्रेस की इस मांग पर प्रदेश सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. कांग्रेस अब इसे चुनावी मुद्दा बनाने में पूरी तरह से जुट गई है.
जीतू पटवारी लगा रहे किसानों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप
बता दें कि जीतू पटवारी इस मांग को लेकर प्रदेश भर में किसान सभाएं करने में लगे हुए हैं. वे अब तक ग्वालियर, मंदसौर, उज्जैन व हरदा जिले में दौरा कर सभाएं कर चुके हैं. आने वाले दिनों में शुजालपुर, शाजापुर के बाद विंध्य, बुंदेलखंड और महाकोशल क्षेत्र में किसान सभाएं करने की योजना बना ली है. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी अपने दौरे के दौरान किसानों से एक ही बात कह रहे हैं कि किसानों की लागत बढ़ गई है.
असमय वर्षा के कारण उपज प्रभावित हुई है. जिससे किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. सरकार स्वयं को किसान हितैषी बताती है पर इस मुद्दे पर चुप्पी यह बताती है कि किसान उसके लिए केवल वोट बैंक है. जब तक गेहूं तीन हजार रुपये क्विंटल की दर से नहीं लिया जाता है, तब तक कांग्रेस पार्टी यह अभियान चलाएगी. साथ ही विधानसभा चुनाव के वचन- पत्र में किसानों से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता में रखा जाएगा. इसमें कर्ज माफी से लेकर उपज का उचित मूल्य दिलाने का वादा भी शामिल रहेगा.