MP Election 2023: अक्सर चर्चा में रहने वाले दिग्विजय सिंह चुनाव से पहले इस मिशन में जुटे, कांग्रेस को होगा फायदा?
MP Election 2023: बुंदेलखंड दौरे की शुरुआत राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने आक्रामक तेवर के साथ की. सागर पहुंचने पर उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए मंत्रियों को चेतावनी दी.
MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) इन दिनों मिशन बुंदेलखंड पर हैं. विधानसभा चुनाव से पहले दिग्विजय का बुंदेलखंड दौरा अहम माना जा रहा है. यात्रा का मकसद संगठन में कसावट लाने और चुनावी तैयारियों की हकीकत को जानना है. दिग्विजय की नजर विकास की दौड़ में पिछड़े बुंदेलखंड की 26 सीटों पर है.
साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकी थी. बता दें कि दिग्विजय सिंह इससे पहले ग्वालियर-चंबल एवं विंध्य इलाके का दौरा कर चुके हैं. उनकी यात्रा का मकसद कांग्रेस नेताओं के मनमुटाव को खत्म कर एकजुट करना था. कल 11 अप्रैल को दिग्विजय सिंह सागर जिले की बीना और खुरई विधानसभा में थे.
बुंदेलखंड दौरे पर आए दिग्विजय सिंह के तेवर
आज बुधवार 12 अप्रैल को सुरखी और सागर विधानसभा के दौरे पर रहेंगे. शेड्यूल के मुताबिक दिग्विजय सिंह 13 अप्रैल को नरयावली और रहली विधानसभा, 14 अप्रैल को दमोह जिले के हटा और पथरिया विधानसभा में जाएंगे. बुंदेलखंड दौरे की शुरुआत राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने आक्रामक तेवर के साथ की. सागर पहुंचने पर उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए मंत्रियों को सख्त चेतावनी दी.
दिग्विजय सिंह ने तीन मंत्रियों का नाम लेते हुए कहा, 'भूपेंद्र सिंह जी, गोविंद सिंह जी, गोपाल भार्गव जी आप सब आज मंत्री हैं, कल क्या होगा किसी को नहीं पता. कुर्सी किसी की सगी नहीं होती है, जब इससे उतरोगे तो हश्र क्या होगा? आप समझ सकते हैं.'
एमपी के एक्स सीएम @digvijaya_28 ने @ChouhanShivraj के मंत्रियों को सख्त चेतावनी दी है.उन्होंने सागर में तीन मंत्रियों का नाम लेते हुए कहा कि,"कुर्सी किसी की सगी नही होती है,जब इससे उतरोगे तो हश्र क्या होगा? आप समझ सकते हैं."@ABPNews @abplive @OfficeOfKNath @brajeshabpnews pic.twitter.com/yRQseqVpkX
— AJAY TRIPATHI (ABP NEWS) (@ajay_media) April 12, 2023
क्या 26 सीटों पर कांग्रेस का सुधरेगा प्रदर्शन?
शिवराज के मंत्रियों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए दिग्विजय बोल रहे थे. 2018 के विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड की 26 सीटों में से 17 पर बीजेपी और 7 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की भी एक-एक सीट आई थी. बाद में कमलनाथ सरकार का तख्ता पलट होने के बाद अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के विधायक राजेश शुक्ला ने बीजेपी का दामन थाम लिया,जबकि बसपा की राम बाई अहिरवार ने अंतिम समय में बीजेपी खेमे ने जाने से इनकार कर दिया था.
मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार रवि दुबे बताते हैं कि बुंदेलखंड को मध्य प्रदेश का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता है.यहां कुपोषण का आंकड़ा सबसे ज्यादा है.पानी की कमी के कारण खेती बाड़ी का भी बुंदेलखंड में बुरा हाल है. बेरोजगारी के कारण पलायन भी यहां का बड़ा मुद्दा है.कांग्रेस का सीएम चेहरा कमलनाथ और संगठन का काम देख रहे दिग्विजय सिंह बुंदेलखंड के पिछड़ेपन को ही मुद्दा बनाकर अपने चुनाव अभियान की रणनीति तैयार कर रहे हैं.
वहीं,बीजेपी के अपनी विकास योजनाओं के नाम पर वोट मांगने की तैयारी में है.बुंदेलखंड पैकेज, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और 45 हजार करोड रुपए की केन-बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी देकर मोदी सरकार ने भी बुंदेलखंड में पार्टी की मजबूती के लिए बड़ा दांव खेला है.