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MP Election 2023: गंधवानी विधानसभा सीट पर क्यों है बीजेपी की नजर? जानें क्षेत्र का पूरा सियासी समीकरण

MP Politics: गंधवानी विधानसभा क्षेत्र को कांग्रेस के गढ़ के रूप में जाना जाता है. इस सीट के गठन के बाद से लगातार उमंग सिंघार कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में यहां से जीतते रहे हैं.

MP Election 2023 News: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, सियासत की बिसात पर हलचल तेज होती जा रही है. एक तरफ कांग्रेस उम्मीवारों के नामों के चुनाव में माथा पच्ची करने में जुटी है, तो दूसरी तरफ बीजेपी अब तक 78 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान कर चुकी है. प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. सियासी उथल पुथल के बीच चर्चा करते है मध्य प्रदेश के गंधवानी विधानसभा सीट की. गंधवानी विधानसभा सीट प्रदेश के धार जिले में आती है. वर्तमान में इस सीट से उमंघ सिंघार विधायक हैं और प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे चुके हैं.

गंधवानी सीट का शुमार धार जिले की सियासत में अहम माना जाता है. साल 2008 में परिसीमन के बाद, ये सीट अस्तित्व में आई. मध्य प्रदेश की पूर्व उपमुख्यमंत्री रहीं जमुना देवी के भतीजे उमंग सिंघार यहां से विधायक हैं. इसके अस्तित्व में आने के बाद से अब तक बीजेपी को यहां पहली जीत का इंतजार है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में उमंग सिंघार ने बीजेपी उम्मीदवार सरदार मेडा को 38 हजार 831 वोटों से हराया था, उनको कुल 58 फीसदी वोट मिले थे. उमंघ सिंघार का शुमार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी नेताओं में होती है. 

उमंग सिंघार तीन बार से हैं यहां के विधायक
गंधवानी विधानसभा क्षेत्र को कांग्रेस के गढ़ के रूप में जाना जाता है. इस सीट के गठन के बाद से लगातार उमंग सिंघार कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में यहां से जीतते रहे हैं. उमंग सिंघार की पहचान आदिवासी नेता के रूप में है, यही वजह है कि वह यहां से भील आदिवासी मतदाताओं के बूथ चुनाव जीतते रहे हैं. साल 2008 में उमंग सिंघार और बीजेपी से सांसद रहे छतर सिंह दरबार आमने सामने थे. इस पहले चुनाव में उन्होंने बीजेपी सांसद को हराकर, यहां कांग्रेस को स्थापित किया. 

क्या है हार जीता का आंकड़ा?
इसके बाद साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उमंग सिंघार ने बीजेपी उम्मीदवार सरदार मीणा को लगभग 12 हजार वोटों के अंतर से हरा लगातार दूसरी बार विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे. तीसरी बार यानि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में उमंग सिंघार ने बीजेपी के ही सरदार मेडा को 38 हजार 831 वोटों के अंतर से हराया था. वोट फीसद की बात की जाये तो गंधवानी में साल 2008 के विधानसभा चुनाव कांग्रेस को 63.26 फीसदी वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को सिर्फ 35.63 फीसदी वोट मिले. साल 2013 में कांग्रेस को वोट फीसद कम होकर 55.44 गया और मुख्य प्रतिद्वंदी बीजेपी उम्मीदवार को 44.32 फीसदी वोट मिले. साल 2018 में कांग्रेस-बीजेपी उम्मीदवारों के बीच वोटिंग फीसद अनुपात 58 और 34 का रहा.

गंधवानी विधानसभा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है. यहां मुख्य रुप से आदिवासी समाज की दो जातियां हैं- भील और भिलाला. भील और भिलाला समुदाय का अनुपात 60 और 40 का है. भील समाज के वोटर्स की संख्या अधिक है, इसलिए यहां इसी समुदाय से प्रत्याशी को मैदान में उतारा जाता है. इसी समुदाय के बूते उमंग सिंघार भी तीन बार से चुनाव जीतते रहे हैं. 

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है गंधवानी
भौगोलिक दृष्टिकोण से ये पहाड़ी क्षेत्र है और यहां के रास्ते काफी घुमावदार हैं. विधानसभा सीट का क्षेत्रफल अन्य क्षेत्रों की तुलना में काफी बड़ा है. इसलिए उम्मीदवारों को वोटर्स से जनसंपर्क करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है. गंधवानी में तीन विकास खंड हैं, जिनमें गंधवानी, बाघ और तिरला शामिल हैं. यहां करीब 2 लाख 25 हजार से ज्यादा मतदाता है. गंधवानी में बीजेपी का वोट फीसद लगातार बढ़ रहा है. पार्टी ने अपना जनाधार मजबूत करने की पूरी कोशिश भी की है. इस बार उमंग सिंघार ने पाला बदल दिया है. जिसके बाद आगामी विधानसभा में चुनावी मुकाबला और अहम हो गया है. 

ये भी पढ़ें: MP Election 2023: 'हार की डर से बौखलाई बीजेपी', केंद्रीय मंत्रियों को टिकट देने पर दिग्विजय सिंह ने साधा निशाना

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