MP Assembly Election 2023: केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर राम मंदिर के बहाने कांग्रेस को जमकर घेरा है. उन्होंने मंगलवार (14 नवम्बर) को जबलपुर में एक चुनावी सभा में कहा कि 70 साल से कांग्रेस पार्टी राम मंदिर को लटका रही थी, अटका रही थी, भटका रही थी और 550 वर्ष पहले राम मंदिर टूटने के बाद भी 70 साल तक कांग्रेस ने रामलला को टेंट में बिठाए रखा.
राम मंदिर पर राहुल गांधी को घेरा
जबलपुर की पश्चिम विधानसभा सीट पर पार्टी के उम्मीदवार और चार बार के सांसद राकेश सिंह के पक्ष में चुनावी सभा करते हुए अमित शाह ने कहा, ‘आपने (मतदाताओं ने) दूसरी बार केंद्र में भाजपा की सरकार बनाई, मोदी पुनः देश के प्रधानमंत्री बने और उन्होंने राम मंदिर का भूमि पूजन किया और 22 जनवरी को प्रधानमंत्री राम मंदिर का लोकार्पण करेंगे जिसमें प्रभु विराजमान होंगे.’
उन्होंने कहा कि राहुल बाबा ने मुझे बहुत ताने लगाए. मैं 2014 से 2019 तक पार्टी का अध्यक्ष था मुझसे पूछते थे मंदिर वहीं बनाएंगे पर तिथि नहीं बताएंगे. मैं राहुल बाबा को संस्कारधानी से बताना चाहता हूं कि आने वाली 22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान विराजित होंगे. कांग्रेस के लोगों ने हमेशा भारतीय संस्कृति का अपमान किया और हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल श्रीराम का मंदिर बनवाया उसके साथ ही हमारी सरकार ने बाबा महाकाल का लोक, केदारनाथ और बद्रीनाथ का पुनरुद्धार किया, सोमनाथ मंदिर सोने का बन रहा है और इसके साथ विंध्यवासिनी मंदिर बनाने की शुरुआत भी कर दी है. मोदी ने हमेशा भारतीय संस्कृति का सम्मान करने का काम किया है.
कांग्रेस पार्टी विकास नहीं कर सकती- शाह
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी परिवारवाद से ग्रसित है. पांच पीढ़ी से कांग्रेस पार्टी को अपना गढ़ बनाए हुए है. एक गांधी परिवार और दिग्विजय बंटाधार व कमलनाथ की जोड़ी मध्य प्रदेश का भला नहीं कर सकती. कमलनाथ को अपने बेटे नकुलनाथ को मुख्यमंत्री बनाना है, तो दिग्विजय को अपने बेटे जयवर्धन को मुख्यमंत्री बनाना है. उधर, सोनिया को राहुल बाबा को देश का प्रधानमंत्री बनाना है. ये न आपका भला कर सकते हैं और न ही जबलपुर का विकास कर सकते हैं. न ये मां नर्मदा के घाट सुंदर बना सकते हैं, न ये जबलपुर में मेट्रो ला सकते हैं, ये विकास कभी नहीं कर सकते.
अमित शाह ने रोड शो भी किया
केंद्रीय मंत्री शाह ने पश्चिम विधानसभा में जनसभा के बाद उत्तर-मध्य और पूर्व विधानसभा में रोड शो भी किया. दरअसल, साल 2018 के चुनाव में बीजेपी को इन तीनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. इस बार इन्हें जीतने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने जमकर जोर लगाया है. यहां बताते चले कि जबलपुर की पश्चिम विधानसभा सीट पर साल 2018 में कांग्रेस के तरुण भनोत को 18,683 मतों से जीत मिली थी. जबकि बीजेपी के हरेंद्र जीत सिंह बब्बू को 63676 वोट हासिल करते हुए दूसरी बार तरुण भनोट से पराजित हुए थे.
जबलपुर विधानसभा का समीकरण
इसी तरह जबलपुर पूर्व (अजा) विधानसभा सीट पर कांग्रेस के लखन घनघोरिया कुल 90206 वोट हासिल करते हुए विजयी हुए थे. बीजेपी के पूर्व मंत्री अंचल सोनकर 55070 वोट लेते हुए कांग्रेस उम्मीदवार से 35136 वोट के अंतर से हार गए थे. जबलपुर की उत्तर-मध्य विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव में बीजेपी के पूर्व मंत्री और तीन बार के विधायक शरद जैन को कांग्रेस के विनय सक्सेना से बेहद कड़े मुकाबले में 594 मतों के अंतर से हरा दिया था. विनय सक्सेना को 50 हजार 45 वोट मिले थे तो बीजेपी के शरद जैन को 49 हजार 467 वोट मिले.
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