MP Assembly Election 2023 News: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद, सबकी नजरें 3 दिसंबर को आने परिणाम पर टिकी हैं. कई संस्थानों के जरिये किए गए एक्जिट पोल्स में यहां कांटे की टक्कर दिखाई पड़ रही है. इस चुनावी मौसम में भी इंदौर के लोग अजब-गजब कारनामें कर रहे हैं. मतगणना से पहले कई नेताओं के समर्थक अपने पसंदीदा नेताओं को जीत की बधाई देते हुए पोस्टर लगाना शुरू कर दिया है. इस पोस्टर के जरिये समर्थक अपने नेताओं को मतगणना से पहले ही एडवांस में जीत की बधाई दे रहे हैं. इसके लिए उन्होंने बड़े-बड़े होर्डिंग पोस्टर बनवा कर उस पर अपने नेताओं की फोटो लगावाई है और खुद की फोटो भी इस पोस्टर पर लगवाई है. जिस पर लिखा गय है नेता जी को जीत के लिए अग्रिम बधाइयां.
विधानसभा चुनाव के मतदान के साथ ही प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद है और रविवार (3 दिसंबर) इन प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला होगा. वोटों की गिनती भले ही 3 दिसंबर को होनी है, लेकिन इंदौर विधानसभा-5 से बीजेपी प्रत्याशी महेंद्र हार्डिया के समर्थकों ने उन्हें जीत के अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं देते हुए होर्डिंग लगा दिया. बता दें कि इंदौर विधानसभा सीट से बीजेपी ने महेंद्र हार्डिया और कांग्रेस की तरफ से सत्यनारायण पटेल चुनाव रण में है. इस सीट से साल 2003 से महेंद्र हार्डिया लगातार चुनाव जीत रहे हैं.
जीत की बधाई वाला पोस्टर बना चर्चा का विषय
हालांकि प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला वोटों की काउंटिंग के बाद पता चलेगा, लेकिन अभी से कई ऐसे प्रत्याशी हैं जिनके समर्थकों ने अभी से जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया है. इंदौर 5 विधानसभा में बीजेपी के प्रत्याशी महेंद्र हार्डिया को लेकर के कार्यकर्ताओं ने होर्डिंग लगाया है, जिसमें उनकी जीत को लेकर के कार्यकर्ता आश्वस्त नजर आ रहे हैं. उन्हें बधाई दी जा रही है. कार्यकर्ताओं का दावा है कि महेंद्र हार्डिया बड़े अंतर से यहां पर जीत हासिल कर रहे हैं. इस बार इंदौर 5 विधानसभा में कांटे की टक्कर का मुकाबला है और कांग्रेस-बीजेपी में पूरे विधानसभा चुनाव के दौरान कड़ा संघर्ष देखने को मिला है, लेकिन रिजल्ट आने से पहले ही कार्यकर्ता इतने उत्साहित और आश्वस्त हैं उन्होंने जीत की होर्डिंग लगा दी. अब ये होर्डिंग चर्चा का विषय बना हुआ है
मध्य प्रदेश में कांटे की टक्कर
आपको बता दें कि इस बार मध्य प्रदेश में सभी 230 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान में मतदाता मौन है और वह बताने को तैयार नहीं है कि उन्होंने किस पार्टी को वोट दिया है. मतदाताओं ने इस बार साइलेंट वोट दिया है और उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया है, ये जाहिर नहीं करने से बच रहे हैं. एग्जिट पोल्स में भी स्थिति स्पष्ट नहीं दिखाई पड़ रही है और राजनीतिक विश्लेषक भी कुछ भी बोलने से हिचकिचा रहे हैं. चुनाव से पहले बीजेपी ने लाडली बहना योजना जैसी बड़ी योजनाओं के जरिये वोटर्स को रिझान के की कोशिश की है, दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी और एंटी इनकंबेंसी जैसे मुद्दों को उठाकर वोटर्स को अपने पाले में करने की कोशिश की है.
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