MP Election 2023: सीधी में 'पेशाब कांड' विधायक को पड़ा महंगा, केदारनाथ शुक्ला की जगह रीति पाठक को टिकट
BJP Candidate List: बीजेपी ने अपनी दूसरी लिस्ट में सीधी से केदारनाथ शुक्ला की जगह रीति पाठक को टिकट दिया है. सीधी में पेशाब कांड में विधायक के प्रतिनिधि का नाम सामने आया था.
Madhya Pradesh BJP Candidate List: बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश चुनाव को काफी गंभीरता से ले रहा है. टिकट वितरण में भी हर छोटी-बड़ी बातों को ध्यान में रखा जा रहा है. केंद्रीय नेतृत्व की इसी पारखी नजरों के कारण सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला का विधानसभा टिकट ही कट गया है. उनके स्थान पर सांसद रिति पाठक को टिकट दिया गया है. दरअसल कुछ महीनों में सीधी जिले में पेशाब कांड हुआ था, जिसकी गूंज पूरे देश में गूंजी थी.
बता दें भारतीय जनता पार्टी द्वारा अब तक प्रदेश भर में 79 विधानसभा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है. इस सूची में अब राष्ट्रीय महासचिव, तीन केंद्रीय मंत्री और सांसदों को भी मौका दिया गया है. इस सूची में कई मौजूदा विधायकों को भी मौका नहीं मिल सका है. इसकी मुख्य वजह ऐसे विधायकों के कार्यकाल में हुई कुछ सामाजिक गड़बड़ियां हैं, जिनकी वजह से इनके टिकट काटे गए हैं. ऐसे ही विधायक है सीधी से केदारनाथ शुक्ला. बीजेपी ने सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला के स्थान पर रीति पाठक को मौका दिया है.
देशभर में चर्चित रहा था सीधी का पेशाब कांड
बता दें अब से चंद महीनों महीने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हुआ था. इस वीडियो में विधायक केदारनाथ शुक्ला का विधायक प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला एक आदिवासी युवक पर पेशाब करता हुआ नजर आ रहा था. यह पेशाब कांड पूरे देश में काफी उछला था. प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं ने इस मामले को ट्वीट कर उछाला था तो वहीं कांग्रेस ने भी इसे विशेष मुद्दा बनाया था. मामले को साधने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी युवक को सीएम हाऊस बुलाया, जहां उसकी आवभगत के साथ ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी युवक के पैर तक धुलाए थे.
खातेगांव में भी संशय
आदिवासी वर्ग के एक परिवार के साथ दिल दहला देने वाला ऐसा ही मामला देवास जिले के खातेगांव विधानसभा में भी सामने आया था. धार्मिक नगरी नेमावर में आदिवासी समुदाय के एक नाबालिग युवक, महिला व युवतियों सहित पांच को 10 फीट गहरे गड्डे में दफना दिया गया था. पुलिस ने गुत्थी सुलझाने में 50 दिन लगा दिए थे, जिस कारण आदिवासी समुदाय को सर्व समाज सहानुभूति पूर्व समर्थक कर भाजपा सरकार और प्रशासन पर आक्रोश व्यक्त कर आंदोलन किया गया था. भाजपा विधायक आशीष शर्मा पर आदिवासी समाज के लोगों की हत्या करने वाले सुरेन्द्र सिंह चौहान व उसके मददगार साथियों को संरक्षण देने के आरोप जोर शोर से लगे थे. यह मामला भी पूरे देश भर में गूंजा था.
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