MP Assembly Election 2023: केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि नर्मदा परिक्रमा करने के बाद भी दिग्विजय सिंह का विवेक जागृत नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कन्या पूजन को लेकर दिग्विजय सिंह ने जिस तरह के भाव व्यक्त किए हैं, वे निहायत ही निंदनीय हैं.
यहां बताते चलें कि बीजेपी नेता सनातन और धार्मिक क्रियाकलापों को लेकर कांग्रेस की टिप्पणियों पर तीखे हम लेकर रहे हैं.चुनाव प्रचार में सनातन का उल्लेख बीजेपी के टॉप एजेंडा में है. इसी क्रम में विधानसभा चुनाव लड़ रहे बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने जबलपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेसी नेता तुष्टिकरण में अंधे हो गये हैं. इसलिए हमारी भारतीय परंपराओं और विरासत का उपहास उड़ा रहे हैं.उन्होंने कहा कि कन्या पूजन को लेकर दिग्विजय सिंह ने जिस तरह के भाव व्यक्त किए हैं, वे निहायत ही निंदनीय हैं और कांग्रेस के पूरे चरित्र को उजागर करते हैं.
'आम आदमी का जीवन जीकर दिखलाएं तो...'
बीजेपी नेता प्रहलाद पटेल ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है कि नर्मदा परिक्रमा करने के बाद भी दिग्विजय सिंह का विवेक जागृत नहीं हुआ. कांग्रेस की पहचान सामंतशाही और परिवारवाद ही हैं. इसके अलावा वे जो भी करते हैं,वो सब कुछ छलावा है. जनता पूरा उनका पूरा षड्यंत्र समझ चुकी है. केंद्रीय मंत्री पटेल ने आगे कहा कि चुनाव का आशय यह नहीं है कि जनता को बरगलाना और भ्रम फैलाना शुरू कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जनता के नेता होने का दंभ भरने वाले कमलनाथ या उनके सांसद पुत्र एक दिन के लिये आम आदमी का जीवन जीकर दिखलाएं तो उन्हें नेता मानने पर विचार किया जा सकता है.
'कांग्रेस ने संबल योजना बंद कर दी थी'
केंद्रीय मंत्री पटेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सदैव गरीब कल्याण के खिलाफ रही है. अपने 15 महीने के छोटे से कार्यकाल में ही कांग्रेस ने संबल योजना बंद कर दी थी, जिससे श्रमिक एवं निम्न वर्ग की मुश्किलें बढ़ गयी थीं. इसी तरह कांग्रेस ने जल जीवन मिशन में भी कोताही बरती और महज ढाई प्रतिशत लोगों को ही शुद्ध जल उपलब्ध कराया. कांग्रेस ने पीएम आवास योजना की राशि भी लाभार्थियों तक पहुंचाने के बजाए लौटा दी.
'कांग्रेस को यथार्थ पर बात करनी चाहिए'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की रुचि शराब नीति बनाने में अधिकाधिक रहती है. जनता की परेशानियों से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है. कांग्रेस को यथार्थ पर बात करनी चाहिए. उन्हें जनता को अपनी बनाई शराब नीति पर जवाब देना चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने गरीब कल्याण की योजनाओं को क्यों बंद किया था. इन्हीं सब कारणों से आज कांग्रेस में नौबत कपड़े फाड़ने तक पहुंच गयी है. कांग्रेस को उम्मीदवार इसलिए बदलने पड़े, क्योंकि पार्टी का संतुलन बिगड़ चुका है.