Madhya Pradesh Election 2023: अलग-अलग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियां अपना फाइनल दांव अजमाने में लगी हुई हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी इन दिनों लगातार रैलियां कर रहें हैं. ऐसे में राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि, पीएम मोदी की ये रैलियां इतनी अहम क्यों हैं? बता दें कि, इस साल के आखिर में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाला है. ऐसे में पांच राज्यों का चुनाव, लोकसभा चुनाव से पहले सबसे बड़ा सेमीफाइनल माना जाता है.
वहीं इन पांच राज्यों में लोकसभा की कुल 83 सीटें, जो कुल लोकसभा सीटों का 15 फीसदी है. साथ ही पांच राज्यों में 3 हिंदी भाषी राज्य हैं और इनमें सिर्फ एक राज्य एमपी में ही बीजेपी सत्ता में हैं. जबकि, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है. तो इस वजह से एमपी चुनाव बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के लिए बेहद अहम माना जा रहा है.
एमपी बीजेपी के लिए अहम क्यों?
अगर बात की जाए कि एमपी बीजेपी के लिए इतना अहम क्यों है, तो इसका सीधा सा जवाब मिलता है कि, गुजरात के बाद सबसे ज्यादा समय तक बीजेपी शासित राज्य एमपी रहा है. साथ ही इस साल होने वाले 5 राज्यों के चुनाव में सिर्फ एमपी में ही बीजेपी की सरकार है. ऐसे में राज्य में आने वाली सभी 29 लोकसभा सीटें बीजेपी के लिए अहम मानी जा रही है. वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने से पार्टी को फायदा मिल सकता है. बता दें कि, एमपी में बीजेपी 90 के दशक से ही काफी मजबूत स्थिति में है.
एमपी कांग्रेस के लिए अहम क्यों?
अगर बात करें कांग्रेस की तो एमपी में पूर्व सीएम कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस पूरी तरह तैयार है. यहां शिवराज सरकार के खिलाफ कांग्रेस जन आक्रोश यात्रा चला रही है. वहीं कर्नाटक में जीत के बाद एमपी से कांग्रेस को जीत की पूरी उम्मीद है. बता दें कि, कर्नाटक की तरह एमपी में भी कांग्रेस सत्ता से बेदखल हुई थी. इसके साथ ही राजनीतिक जानकारों के अनुसार एमपी में कांग्रेस का स्थानीय नेतृत्व काफी मजबूत दिख रहा है.
भोपाल में पीएम मोदी की रैली आज
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 25 सितंबर को राजधानी भोपाल के दौरे पर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भोपाल के जम्बूरी मैदान (Jamboree Maidan) पर आयोजित कार्यकर्ता महाकुंभ शामिल होंगे. वहीं बीजेपी ने मोदी के संबोधन के लिए 10 लाख लोगों को कार्यकर्ताओं को जुटाने का लक्ष्य रखा है. साथ ही आज दीनदयाल उपाध्याय (भारतीय जनसंघ के सह-संस्थापक) की जयंती भी है. बता दें कि, 3 सितंबर से शुरु हुई जन आशीर्वाद यात्रा का आज ही समापन भी होगा. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 3 सितंबर को चित्रकूट से पहली यात्रा को हरी झंडी दिखाई थी.
22 दिन में पांचों यात्राओं ने 10 हजार 880 किलोमीटर का सफर तय किया. वहीं इस दौरान 230 में से 223 विधानसभा सीटों का कवर किया गया. जन आशीर्वाद यात्राओं में सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित 4 मुख्यमंत्री, 3 डिप्टी सीएम, 12 केन्द्रीय मंत्री और एमपी सरकार के मंत्री शामिल होकर जन आशीर्वाद मांग चुके हैं. 22 दिन में जन आशीर्वाद यात्रा ने 10 हजार 880 किलोमीटर का सफर तय कर 2 करोड़ लोगों से बीजेपी के नेता रुबरु हो चुके हैं.