MP Assembly Election 2023: भारतीय जनता पार्टी (BJP) का गढ़ माने जाने वाले मालवांचल में अब कांग्रेस (Congress) अपनी जमीन तैयार करने के लिए कोशिशों में जुट गई है. देवास (Dewas) की खातेगांव में प्रियंका गांधी (Priyanaka Gandhi) की आमसभा से पूरे प्रदेश की निगाह इस विधानसभा सीट पर आकर टिक गईं. इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस की ओर से बीजेपी के बागी पूर्व मंत्री दीपक जोशी मैदान में हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार यहां से विधायक आशीष शर्मा को मैदान में उतारा है.
खातेगांव विधानसभा सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित 11 प्रत्याशी मैदान में हैं. इस विधानसभा सीट पर ब्राह्मण समाज का काफी प्रभाव है. इसी वजह से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने अधिकांशतः इस सीट पर ब्राह्मण समाज के प्रत्याशी को मैदान में उतार कर जीत हासिल करने की कोशिश की है. भारतीय जनता पार्टी इस कोशिश में साल 1993 से लगातार सफल भी हुई है. साल 1993 के बाद इस सीट पर कांग्रेस का कोई प्रत्याशी विजयी नहीं हो पाया.
इस सीट पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के 24 फीसदी वोटर
30 साल बाद कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी से बगावत कर उनका दामन थामने वाले दीपक जोशी पर पूरा भरोसा है, जबकि इसी सीट पर दो बार विधायक रह चुके आशीष शर्मा को बीजेपी ने तीसरी बार मैदान में उतारकर जीत के लिए ताल ठोक दी है. खातेगांव विधानसभा सीट पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के 24 फीसदी मतदाता हैं, जबकि यहां अनुसूचित जाति वर्ग के 14 फीसदी वोट हैं. राजनीति के जानकार वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा के मुताबिक कई दशक के बाद खातेगांव में कांग्रेस पार्टी के किसी मजबूत नेता और गांधी परिवार के सदस्य ने दस्तक दी है.
कांग्रेस खातेगांव में विधानसभा सीट पर देगी कड़ी टक्कर
कीर्ति राणा के मुताबिक, इस बार तीन दशक से हार रही कांग्रेस खातेगांव में कड़ी टक्कर देने वाली है. इसी के चलते प्रियंका गांधी की आमसभा भी कराई गई है. राजनीति में प्रियंका गांधी की सभा से यह भी संदेश दिया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कैलाश जोशी के पुत्र के साथ पूरी कांग्रेस खड़ी है. विदित है कि तीन महीने पहले ही दीपक जोशी ने बीजेपी छोड़ कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. खातेगांव विधानसभा देवास जिले की पांच विधानसभाओं में से एक है. देवास जिले में इस बार बीजेपी कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है.
इन मुद्दों पर बीजेपी और कांग्रेस लड़ रही है चुनाव
खातेगांव विधानसभा सीट पर शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी जैसे सभी सामान्य मुद्दे हैं, जोकि हर विधानसभा सीट पर पक्ष और विपक्ष के आरोप प्रत्यारोप में रहते हैं, मगर इस विधानसभा सीट पर अवैध उत्खनन एक ऐसा मुद्दा है, जो की दूसरी विधानसभाओं से इसे अलग करता है. इसके अलावा खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने भ्रष्टाचार को भी एक बड़ा मुद्दा बनाकर लोगों का समर्थन हासिल करने की कोशिश की है. दूसरी तरफ बीजेपी विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है. खातेगांव में पिछले कुछ वर्षों में सड़कें और मूलभूत सुविधाओं में काफी सुधार भी हुआ है.
खातेगांव विधानसभा सीट पर सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले पांच सालों में यहां पर मतदाताओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. इस विधानसभा सीट पर 24,445 मतदाता नए जुड़े हैं. साल 2018 के चुनाव में यहां पर 2,07,365 मतदाता थे, जबकि वर्तमान में 2 लाख 31,810 मतदाता साल 2023 के विधानसभा चुनाव में अपना मतदान करेंगे. ये मतदाता ही प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. इस विधानसभा सीट पर बीजेपी की जीत का अंतर भी पहले से कम हुआ है. इससे भी कांग्रेस की उम्मीद बड़ी है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 22 लाख से ज्यादा नए मतदाता जुड़े हैं.