MP News: 'विधानसभा चुनाव में गठजोड़ के लिए किसी दल से नहीं मिलाएंगे हाथ', इस पार्टी ने किया एलान
MP Politics: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव होने से पहले स्थानीय पार्टी 'जय आदिवासी युवा शक्ति' ने एलान किया है कि वे किसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे.
MP Election News: मध्यप्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों में 80 सीटों पर राजनीतिक किस्मत आजमाने की घोषणा कर चुके जनजातीय संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (JYS) के एक उच्च पदाधिकारी ने मंगलवार (16 मई) को कहा कि संगठन चुनावी गठबंधन के लिए किसी भी राजनीतिक दल के आगे हाथ नहीं फैलाएगा.
जयस के राष्ट्रीय संरक्षक हीरालाल अलावा ने संगठन के 10 वें स्थापना दिवस पर इंदौर में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि आदिवासी स्वाभिमानी होते हैं. आपको हमारे समुदाय का एक भी व्यक्ति कटोरा लेकर भीख मांगते नहीं दिखेगा. हम आगामी विधानसभा चुनावों में गठबंधन के लिए किसी भी दल के आगे हाथ नहीं फैलाएंगे. हम सूबे में आदिवासी नेतृत्व खड़ा करने के लिए अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
ये है जयस की योजना
उन्होंने बताया कि जयस की राज्य की 80 विधानसभा सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार उतारकर चुनाव लड़ने की योजना है जिसमें जनजातीय समुदाय के लिए आरक्षित 47 सीटें शामिल हैं. उन्होंने बताया कि अन्य 33 सीटें ऐसी हैं जहां 30,000 से 50,000 आदिवासी मतदाता हैं. गौरतलब है कि जयस ने सूबे में 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के साथ सियासी गठजोड़ किया था और अलावा आदिवासी बहुल धार जिले के मनावर क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे.
किसी दल के साथ चुनावी गठबंधन का खुलासा नहीं किया
बहरहाल, आगामी विधानसभा चुनावों की उल्टी गिनती शुरू होने के बीच अलावा ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया कि जयस इन चुनावों में कांग्रेस के साथ ही रहेगा या पाला बदलकर बीजेपी से हाथ मिलाएगा? उन्होंने कहा कि अभी तो हम आदिवासियों के स्वतंत्र नेतृत्व के रूप में काम कर रहे हैं. आने वाले वक्त में अगर हमने किसी दल के साथ चुनावी गठबंधन किया, तो इसका आधार यही होगा कि आदिवासी हितों के मुद्दों पर हमारी संबंधित दल से कैसी सहमति बनती है.
अलावा ने इस बात को 'अफवाह' करार दिया कि उनकी नजदीकियां बीजेपी से बढ़ रही हैं. जयस संरक्षक ने कहा कि हमारी किसी भी राजनीतिक पार्टी से नजदीकी नहीं है. उल्लेखनीय है कि जयस, सूबे के पिछले विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले सियासी गलियारों में चर्चा में आया था. उच्च शिक्षित आदिवासी युवाओं का खड़ा किया गया संगठन फिलहाल राजनीतिक दल के तौर पर चुनाव आयोग में पंजीकृत नहीं है.
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