MP Elections: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी (BJP) में 'ऑपरेशन घर वापसी' (Ghar Wapsi) शुरू हो गई है. बीजेपी की प्रदेश स्तरीय अनुशासन समिति ने तय किया है कि लिखित माफीनामा (Written Apology) और सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त करने वाले नेताओं का निलंबन या निष्कासन रद्द करके घर वापसी कराई जाएगी. पिछले दिनों भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कद्दावर ब्राह्मण नेता धीरज पटेरिया (Dheeraj Pateria) की पार्टी में वापसी से इसकी शुरुआत हो चुकी है. 


हालांकि,अनुशासनहीनता को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अभी भी सख्त रुख अख्तियार किया है. पिछले दिनों प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के खिलाफ एक आपत्तिजनक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले सागर से प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुशील तिवारी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. इसी तरह जबलपुर के पूर्व मंत्री हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू को भी वीडियो शर्मा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में नोटिस दिया गया है.कहा जा रहा है कि उनके के खिलाफ भी पार्टी बड़ी कार्रवाई करने का मन बना चुकी है. इन दोनों ही मामलों में संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा का रुख बेहद सख्त बताया जाता है. 


देना होगा लिखित माफीनामा
वही,नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी के खिलाफ बगावत करने वाले नेताओं को घर वापसी का मौका दिया जा रहा है. बीजेपी ने जिन नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाते हुए निलंबित किया था,अब उनकी घर वापसी का फार्मूला तय कर लिया गया है. पार्टी ऐसे नेताओं के लिखित माफीनामा और सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त करने की शर्त पर निलंबन खत्म कर सकती है. साथ ही इन नेताओं के कामकाज और पार्टी के प्रति योगदान को लेकर जिलाध्यक्षों से भी प्रतिवेदन लिया जाएगा. माफीनामे के साथ जिलाध्यक्ष भी निलंबन खत्म करने की सिफारिश करते हैं तो बागी नेताओं को माफ कर दिया जाएगा. 


घर वापसी का फॉर्मूला तय 
भोपाल में पार्टी कार्यालय में गुरुवार को प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद की मौजूदगी में हुई पार्टी की प्रदेश स्तरीय अनुशासन समिति की बैठक में यह फॉर्मूला तय किया गया है. बैठक में अनुशासन समिति के अध्यक्ष वेदप्रकाश शर्मा, प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी, गरोठ विधायक देवीलाल धाकड़ और जगदीश अग्रवाल शामिल थे. 


अभी भी नाराज हैं कई पूर्व विधायक
हालांकि,सारी कवायद के बावजूद भी बीजेपी के अंदर खाने सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. कई विधायक और बड़े नेता संगठन की कार्यशैली के प्रति अपनी नाराजगी खुलेआम जता रहे हैं. कटनी से पूर्व विधायक और मंत्री रही अलका जैन ने भी पार्टी पर उनकी उपेक्षा का आरोप लगाया है. वही,जबलपुर से पूर्व विधायक हरेंद्रजीत सिंह बब्बू ने तो प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पर उन्हें चुनाव हरवाने तक का आरोप लगा दिया. बाद में संगठन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दखल के बाद बब्बू और शर्मा में सुलह की बात कही गई.


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