MP Election Result 2023: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को काफी निराशा हाथ लगी है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल किया था, जबकि साल 2023 में ये आंकड़ा सिमट महज 66 सीटों पर आ गया है. खास तौर पर 19 ऐसे जिले हैं, जहां पर कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया. यहां पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों ने भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे हैं. कांग्रेस को इन जिलों में कम सीट मिलने की उम्मीद थी, मगर ऐसा किसी ने नहीं सोचा था कि पूरे जिले कांग्रेस मुक्त हो जाएंगे.
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पर जनता ने जिस प्रकार भरोसा जताया है, उसने बीजेपी नेतृत्व, पार्टी कार्यकर्तओं और समर्थकों में उत्साह से भर दिया है. मध्य प्रदेश के परिणाम से कांग्रेस को खासा निराश हुई है. इस बार कांग्रेस को उम्मीद थी कि उनका सबसे बेहतर प्रदर्शन रहेगा. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह तो मध्य प्रदेश में 150 से ज्यादा सीट आने का दावा कर रहे थे. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ये दावा भी किया था कि कांग्रेस की सरकार किसी भी हालत में बन जाएगी.
कमलनाथ के दावों को झटका?
प्रदेस में चुनाव प्रसार के दौरान पूर्व सीएम कमलनाथ भी सरकार बनाने के दावे कर रहे थे. हालांकि उन्होंने कभी सीट की संख्या नहीं बताई. जिन जिलों में भारतीय जनता पार्टी ने परचम फहराया है, उन जिलों में अधिकांश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आमसभा को संबोधित किया था. इन 19 जिलों में कांग्रेस के कई दिग्गज चुनाव हार गए.
इन जिलों में नहीं खुला कांग्रेस का खाता
मध्य प्रदेश में 19 ऐसे जिले हैं, जहां पर कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई. इनमें मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर भी शामिल है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया के मुताबिक "उज्जैन संभाग के देवास, शाजापुर, नीमच जिले में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली. इसके अलावा राजगढ़, सीहोर, विदिशा, बुरहानपुर, खंडवा, नर्मदापुरम, बैतूल, पन्ना, अशोकनगर, कटनी, सिंगरौली, नरसिंहपुर, उमरिया, कटनी जिले में भी बीजेपी ने परचम फैला दिया. इन जिलों में भी कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली."
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