MP Assembly Election Result 2023: कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ छिंदवाड़ा का अपना किला तो बचाने में कामयाब हुए लेकिन महाकौशल के गढ़ में बीजेपी की सेंधमारी को नहीं रोक पाए. साल 2018 की तरह इस बार भी कांग्रेस छिंदवाड़ा जिले की कमलनाथ के प्रभाव वाली सभी 7 सीटें जीतने में कामयाब हुई है. लेकिन महाकौशल में उसे 8 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है.


यहां बताते चलें कि मध्य प्रदेश के महाकौशल इलाके में जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, नरसिंहपुर, मंडला, डिंडोरी और कटनी जिले आते हैं. इन 8 जिलों में कुल 38 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें इस बार बीजेपी के 21 उम्मीदवार चुनाव जीतकर एमएलए बने हैं. पीसीसी चीफ कमलनाथ के साथ कांग्रेस के 17 उम्मीदवार जीतने में कामयाब हुए है. कमलनाथ सरकार में वित्त मंत्री तरुण भनोट और विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति के साथ विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे को भी हार का सामना करना पड़ा है.


विधानसभा निर्वाचन-2023 में महाकोशल इलाके से जीते उम्मीदवारों की सूची इस प्रकार है.


जबलपुर जिले की 8 सीटें


जबलपुर (पूर्व)-लखन घनघौरिया (कांग्रेस)
जबलपुर (कैंट)-अशोक रोहाणी (बीजेपी)
जबलपुर (उत्तर मध्य)-अभिलाष पांडेय (बीजेपी)
जबलपुर (पश्चिम)-राकेश सिंह (बीजेपी)
पनागर-सुशील कुमार तिवारी (बीजेपी)
बरगी-नीरज सिंह (बीजेपी)
पाटन-अजय विश्नोई (बीजेपी)
सिहोरा- संतोष वरकड़े (बीजेपी)


कटनी जिले की 4 सीटें


बड़वारा-धीरेंद्र सिंह (बीजेपी)
विजय राघवगढ़-संजय पाठक (बीजेपी)
मुड़वारा-संदीप जायसवाल (बीजेपी)
बहोरीबंद-प्रणय प्रभात पांडे (बीजेपी)


डिंडौरी जिले की 2 सीटें


शहपुरा-ओमप्रकाश धुर्वे (बीजेपी)
डिंडोरी-ओमकार सिंह मरकाम (कांग्रेस)


मंडला जिले की 3 सीट


बिछिया-नारायण सिंह पट्टा (कांग्रेस)
निवास-चैन सिंह वारकड़े (कांग्रेस)
मंडला-संपत्तिया उईके (बीजेपी)


बालाघाट जिले की 6 सीटें


बालाघाट-अनुभा मुंजारे (कांग्रेस)
बैहर-संजय उइके (कांग्रेस)
लांजी-राजकुमार कराहे (बीजेपी)
परसवाड़ा-मधु भगत (कांग्रेस)
वारासिवनी-विक्की पटेल (कांग्रेस)
कटंगी-गौरव पारधी (बीजेपी)


सिवनी जिले की 4 सीटें


बरघाट-कमल मर्कोले (बीजेपी)
केवलारी-रजनीश सिंह (कांग्रेस)
सिवनी-दिनेश मुनमुन राय (बीजेपी)
लखनादौन-योगेंद्र सिंह बाबा (कांग्रेस)


नरसिंहपुर जिले की 4 सीटें


गोटेगांव-महेंद्र नागेश (बीजेपी)
तेंदुखेड़ा-उदय प्रताप सिंह (बीजेपी)
गाडरवारा-विश्वनाथ सिंह (बीजेपी)
नरसिंहपुर-प्रह्लाद सिंह पटेल (बीजेपी)


छिंदवाड़ा जिले की 7 सीटें


छिंदवाड़ा-कमलनाथ (कांग्रेस)
पांढुर्ना-नीलेश उईके (कांग्रेस)
चौरई-सोहन वाल्मिकी (कांग्रेस)
जुन्नारदेव-सुनील उइके (कांग्रेस)
परासिया-सुजीत मेर सिंह (कांग्रेस)
सौंसर-विजय चौरे (कांग्रेस)
अमरवाड़ा-कमलेश शाह (कांग्रेस)


दरअसल,सूबे में करारी हार के बावजूद पीसीसी चीफ कमलनाथ अपना छिंदवाड़ा का किला बचाने में कामयाब हुए है. वहीं महाकौशल में वे दोबारा शानदार प्रदर्शन करने से चूक गए. पिछले 40 सालों से छिंदवाड़ा जिले की चुनावी राजनीति में कमलनाथ का एक छत्र राज रहा है. साल 2018 के चुनाव में भी कमलनाथ मैजिक के चलते कांग्रेस ने छिंदवाड़ा जिले की सभी 7 सीटें जीत ली थी. उस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को महाकौशल इलाके से निराशा हाथ लगी थी.


इसकी बड़ी वजह कमलनाथ का प्रभाव और आदिवासियों के बीच बीजेपी के लिए नाराजगी मानी गईं थी. कांग्रेस ने कमलनाथ को सीएम का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा था.इससे उनके गृह जिले छिंदवाड़ा की सभी 7 सीटों के साथ महाकोशल के एपिसेंटर जबलपुर जिले में भी कांग्रेस को 8 में से 4 सीट मिली थी.साल 2018 में महाकौशल की कुल 38 में से 25 सीटें (कांग्रेस के बागी निर्दलीय प्रदीप जायसवाल सहित) कांग्रेस के खाते में गई थी,जबकि बीजेपी को सिर्फ 13 सीट पर संतोष करना पड़ा. इस बार बीजेपी ने महाकौशल की 21 सीटें जीतकर कांग्रेस की आठ सीटें हथिया ली है.


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