MP Assembly Elections 2023: भारतीय जनता पार्टी (BJP) में इन दोनों अंतर विरोध जमकर हो रहा है और इंदौर (Indore) की अलग-अलग विधानसभाओं में यह देखने को भी मिला है. पिछले दिनों जहां विधानसभा पांच में मौजूदा विधायक महेंद्र हार्डिया का विरोध किया गया और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने खून से पत्र लिखकर उन्हें टिकट न देने की मांग की थी. वहीं महू में भी दबे पांव उषा ठाकुर का विरोध हो रहा है. उषा ठाकुर मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं.


इसके अलावा विधानसभा एक में हाल ही में विधायक रहे सुदर्शन गुप्ता का विरोध भी देखने को मिला था, जहां सुदर्शन गुप्ता के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी हुई थी. वहीं अब विरोध के स्वर भंवर सिंह शेखावत (Bhanwar Singh Shekhawat) के लिए भी नजर आने लगे हैं. भवर सिंह शेखावत पूर्व विधायक रह चुके हैं और मौजूदा समय में बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. भंवर सिंह शेखावत की बात करें तो वो बीजेपी के नेता तो हैं ही, लेकिन बदनावर से पहले चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि यह बात और है कि कांग्रेस के नेता जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में आए तो राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव भी उनके साथ बीजेपी में आ गए.


भंवर सिंह शेखावत ने ठोकी ताल
दत्तीगांव के आने के बाद भंवर सिंह शेखावत का राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ गया. अब जबकि चुनाव होना है, ऐसे में विधानसभा सीट के लिए भंवर सिंह शेखावत ने अपनी ताल ठोक दी है. भंवर सिंह शेखावत बदनावर से टिकट चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने बीजेपी के बड़े नेताओं से संपर्क भी किया है. मुख्यमंत्री से लेकर संगठन के तमाम नेताओं तक उन्होंने अपनी बात पहुंचाई है.  भंवर सिंह शेखावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा "वह किसी भी हालत में चुनाव लड़ेंगे और उन्होंने यह बात भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भी बता दी है. उन्होंने कहा मैनें वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की है और कहा है कि बदनावर की जनता इस बार चाहती है कि मैं वहां से चुनाव लड़ूं."


'राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ने नहीं किया विकास'
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ने इस क्षेत्र में कोई विकास नहीं किया और लोगों उन्हें पसंद नहीं करते हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आने की बात पर उन्होंने कहा की दत्तिगांव का विरोध पूरा क्षेत्र कर रहा है. एक सवाल पूछने पर की क्या वे निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी से टिकट नहीं मिला तो भी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, लेकिन जनादेश को नहीं ठुकराएंगे. भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता उनसे मिले हैं और उनके मित्र भी हैं.


वहीं इंदौर के विधायक संजय शुक्ला भी उनसे कुछ दिन पहले आकर मिले थे. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संजय शुक्ला मेरे बेटे जैसे हैं और वह कभी भी आकर मुझसे मिल सकते हैं.कांग्रेस की तरफ से ऑफर की बात पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई नेताओं के संपर्क में हैं. अगर उन्हें कांग्रेस से भी टिकट नहीं मिला तो फिर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.


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