Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) को उनके गढ़ बुधनी में चुनौती देने के लिए शायद कांग्रेस ने रणनीति बना ली है. कांग्रेस ने इसके संकेत भी दे दिए हैं. बीते दिन शनिवार को सीहोर जिला मुख्यालय पर आए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ कमलनाथ के मंच पर ही


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने इस बात के संकेत दिए हैं. सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक बुधनी विधानसभा क्षेत्र से स्थानीय आदिवासी चेहरा ही सीएम शिवराज के सामने कांग्रेस का विधानसभा उम्मीदवार होगा. बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनावों की रणनीति को अपनाकर ही 2018 की भांति ही 2023 में भी कांग्रेस प्रदेश की सत्ता पर अपना कब्जा जमाना चाहती है.


वहीं 2018 की रणनीति पर ही कांग्रेस ने 2023 के लिए रणनीति बनानी शुरु कर दी है. साथ ही 2023 में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रोकने के लिए उनके सामने कोई दमदार कैंडिडेट उतारने जा रही है. बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को बुधनी विधानसभा से मैदान में उतारा था. हालांकि, कांग्रेस के तत्कालीन पीसीसी चीफ इस चुनाव में विजयी तो नहीं हो सके थे, लेकिन कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से उतार दिया था. अब कांग्रेस 2023 में पुरानी रणनीति पर काम करते हुए बुधनी विधानसभा क्षेत्र से किसी आदिवासी चेहरे पर दांव लगा सकती है.


पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने दिए संकेत
बीते दिनों जिला पंचायत चुनाव में आदिवासी युवा व कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी विजेंद्र उइके चुनाव जीतकर जिला पंचायत सदस्य बने थे. विजेंद्र उइके की जीत को कांग्रेस पार्टी भुनाना चाहती है. यही कारण है कि इस बार के चुनाव में कांग्रेस किसी आदिवासी चेहरे पर विश्वास जता सकती है, जिसके संकेत बीते दिन सीहोर जिला मुख्यालय पर आए पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने दिए हैं. सज्जन सिंह वर्मा ने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बुधनी विधानसभा से किसी आदिवासी युवा को ही चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है. सज्जन वर्मा के संकेतों से बुधनी विधानसभा के आदिवासी युवाओं में भी उत्साह भर गया है.
 
कांग्रेस की प्लानिंग
साल 2023 के अंतिम महीनों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है. कांग्रेस का मानना है कि यदि सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने मजबूत चेहरा उतारा जाता है तो सीएम शिवराज बुधनी में ही व्यस्त होकर रह जाएंगे. सीएम शिवराज को प्रदेश में प्रचार प्रसार करने का मौका नहीं मिलेगा. कांग्रेस यह प्लानिंग 2018 के चुनावों को देखते हुए बना रही है. कांग्रेस को 2018 में भी सफलता मिली थी.



ये भी पढ़ें


MP News: रेलवे ने बजरंग बली को भेजा नोटिस, अतिक्रमण हटाने का खर्चा वसूली की चेतावनी भी दी