MP Election: सीएम शिवराज के मंत्रिमंडल में क्या है जातीय समीकरण? जानें- किस वर्ग को मिला कितना हिस्सा?
MP Election 2023 News: बीजेपी देश को एक बार फिर जातीय विभाजन की ओर ले जाने का आरोप कांग्रेस पर लगा रही है. आईए जानते हैं कि मध्य प्रदेश की सत्ता में फिलहाल किस वर्ग की कितनी भागीदारी है.
MP Elections 2023: बिहार में जातीय गणना के बाद 'जिसकी जितनी आबादी, उतनी उसकी भागीदारी' को लेकर देश की राजनीति बेहद सरगर्म है. इसकी आंच जल्द होने वाले मध्य प्रदेश सहित 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी महसूस की जा रही है. कांग्रेस ने तो साफ कर दिया है कि मध्य प्रदेश में सरकार बनने पर जातीय गणना की जाएगी. इस मामले को बीजेपी देश को एक बार फिर जातीय विभाजन की ओर ले जाने का आरोप कांग्रेस पर लगा रही है.
आइये वर्तमान राजनीति के इसी मौजूं सवाल के बीच जानते है कि मध्य प्रदेश की सत्ता में फिलहाल किस वर्ग की कितनी भागीदारी है. बात की जाए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तो वह राज्य के सबसे बड़े मतदाता यानी ओबीसी वर्ग से आते हैं. बीजेपी ने अपने मध्य प्रदेश में सरकार के अपने चारों कार्यकाल में ओबीसी वर्ग से ही अपना मुख्यमंत्री रखा है. शिवराज सिंह चौहान के पहले उमा भारती और बाबूलाल गौर भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं, जो ओबीसी वर्ग से आते हैं.
30 प्रतिशत क्षत्रिय विधायक मंत्री है
अब शिवराज मंत्रिमंडल की बात की जाए तो यहां सबसे ज्यादा सवर्ण वर्ग के ठाकुर विधायकों को जगह मिली है. सूबे में 30 प्रतिशत क्षत्रिय विधायक मंत्री है, जिनमें गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, अरविंद भदौरिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, बृजेंद्र प्रताप सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, उषा ठाकुर, इंदर सिंह परमार और ओपीएस भदौरिया शामिल हैं. इसके बाद ओबीसी मंत्रियों की संख्या आती है. सूबे में लगभग 25 प्रतिशत मंत्री ओबीसी है. इसमें भूपेंद्र सिंह, कमल पटेल, गौरीशंकर बिसेन, मोहन यादव, भारत सिंह कुशवाहा, बृजेंद्र सिंह यादव, रामकिशोर कांवरे, सुरेश धाकड़ और राहुल लोधी शामिल हैं.
40 फीसदी से अधिक है एससी और एसटी वर्ग की आबादी
मध्य प्रदेश में एससी और एसटी वर्ग की आबादी भी 40 फीसदी से अधिक है, लेकिन शिवराज मंत्रिमंडल में सिर्फ 4 एसटी और 3 एससी मंत्री है. कुंवर विजय शाह, बिसाहूलाल सिंह, मीना सिंह और प्रेम सिंह आदिवासी वर्ग से आते है. इसी तरह तुलसी सिलावट, जगदीश देवड़ा और प्रभुराम चौधरी अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व करते है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्राह्मण वर्ग के तीन मंत्रियों को अपनी कैबिनेट में जगह दी है. गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा और राजेंद्र शुक्ला ये तीनों मंत्री ब्राह्मण वर्ग से आते हैं. एक सिख विधायक हरदीप सिंह डंग को भी मंत्री पद देकर सरकार चलाने की भागीदारी में शामिल किया गया है.
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