MP Elections 2023: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) चुनावी साल में ताबड़तोड़ बैटिंग कर रहे हैं. वे मैदानी दौरों के साथ-साथ अपने साथियों के कामकाज पर भी नजर रख रहे हैं. बुधवार को सीएम चौहान ने भोपाल में कैबिनेट सहयोगियों की क्लास ली. उन्होंने सभी से पूछा कि कितनी रात अपने प्रभार वाले जिले में रुके, पार्टी की बैठक कहां रखी और किस कार्यकर्ता के घर खाना खाया? उन्होंने मंत्रियों से सरकारी योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन की रिपोर्ट भी ली. 


यहां बताते चलें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को सभी मंत्रियों के कामकाज और प्रभार वाले जिलों में दौरों का रिव्यू किया. हालांकि, अनिवार्य रूप से बैठक में शामिल होने के निर्देश के बावजूद कुछ मंत्री नहीं पहुंचे. सीएम शिवराज सिंह चौहान के पास मंत्रियों की बैठक के लिए पांच सवाल थे. करीब 45 मिनट चली बैठक में उन्होंने अपने कैबिनेट सहयोगियों से पूछा कि प्रभार के जिलों में कितनी रात रुके, किस बीजेपी कार्यकर्ता के यहां खाना खाया, कहां पर पार्टी की बैठक ली और किसे बुलाया? वहीं, यह भी पूछा कि जनता का फीडबैक किधर से लिया और सरकारी योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन की रिपोर्ट कैसी है? एक-एक मंत्रियों से सारे सवालों का जवाब दिया. 


मंत्रियों ने दिए सवालों के जवाब
बैठक में सभी मंत्री अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर पहुंचे थे. उन्होंने एक-एक करके सीएम को बताया कि वे कब-कब गए और कितनी रात रुके. सरकारी स्कीमों का फीडबैक भी मंत्रियों ने दिया. सभी से बात करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बार-बार लोग यह आरोप लगाते हैं कि मंत्री क्षेत्र में या प्रभार के जिलों में नहीं जाते,लेकिन रिपोर्ट देखकर तो ऐसा नहीं लगता. आप लोग इसी तरह से जुटे रहें.चुनाव का साल है और अब वक्त कम है.


कार्यकर्ताओं से मिलने की नसीहत
सीएम चौहान ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं और जिलों के वरिष्ठ नेताओं के साथ तालमेल बिठाइए. जब दौरे पर जाएं तो कार्यकर्ताओं से मिलने का वक्त भी रखें.सीएम ने कहा कि अब चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं है.अपनी सीट के साथ आसपास की सीटों और प्रभार के जिलों की सीटों पर सक्रियता बढ़ाएं. जल्द बताएं कि कौन-कौन से काम पेंडिंग पड़े हैं.जल्दी बताएंगे तो उन पर काम किया जा सकता है.


तबादले से प्रतिबंध हटाने की मांग
मंत्रियों के साथ बैठक में एक बार फिर तबादले पर से प्रतिबंध हटाने का मामला उठा. हालांकि,बैठक में यह तय नहीं हो पाया कि कितने दिन के लिए तबादले पर प्रतिबंध के आदेश को शिथिल किया खोला जाए, कैडर के हिसाब से कितने ट्रांसफर करने की अनुमति दी जाए, शासन तक या मुख्यमंत्री तक कौन से मामले आएंगे, प्रभारी मंत्रियों को क्या अधिकार होंगे आदि.सीएम ने सभी मसलों को सुनने के बाद कहा कि इस पर जल्द निर्णय लेंगे.


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