Indore Metro: कांग्रेस का शिवराज सरकार पर हमला, कहा- 'मेट्रो की लागत और समय दोनों गंवा दिए'
MP Assembly Election: जिला कांग्रेस अध्यक्ष, प्रदेश प्रवक्ता एवं संभागीय प्रवक्ता अमित चौरसिया ने कहा कि मध्य प्रदेश में इस समय शिवराज की टेलीविजन की सरकार चल रही है जिसके पास विजन नही है.
MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच राजनीतिक छींटाकसी का दौर जारी है. इंदौर में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में चुनावी साल में मेट्रो का ट्रायल रन छलावा है और ट्रायल करवाकर शिवराज सरकार इस परियोजना का श्रेय अपने नाम करने में जुटी है. कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि शिवराज सरकार की अदूरदृष्टि के चलते इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत और समय सीमा बढ़ गयी है.
कांग्रेस ने कहा कि तत्कालीन कमलनाथ सरकार में जब इस योजना का शिलान्यास हुआ था तब अगस्त 2023 का इसे पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था. उन्होंने कहा कि जनमत से बनी कमलनाथ सरकार को खरीद फरोख्त कर शिवराज सरकार ने इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट को तो लंबित किया ही, वहीं इंदौर के विकास से जुड़ी कई योजनाओं को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया. मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान की कई घोषणाएं छलावा बनकर रह गई हैं.
मेट्रो परियोजना में श्रेय लेने लगी शिवराज सरकार
जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव, प्रदेश प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी एवं संभागीय प्रवक्ता अमित चौरसिया ने कहा कि मध्य प्रदेश में इस समय शिवराज की टेलीविजन की सरकार चल रही है जिसके पास विजन नही है. उन्होंने कहा कि दूरदृष्टि के अभाव में मेट्रो परियोजना जो आने वाले समय में इंदौर और आस पास के जिलों के लिए लाइफ लाइन बनने जा रही है, उसे भी शिवराज सरकार नहीं अपने चुनावी फायदे के लिए अव्यवस्था की भेंट चढ़ा दिया है. कांग्रेस नेताओ ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा की गई घोषणाओं पर पिछले 3 वर्षों पर इन पर अमल क्यों नही हुआ?
इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट का हाल नागपुर और पुणे मेट्रो प्रोजेक्ट जैसा ना हो
कांग्रेस प्रवक्ताओं ने आरोप लगाते कहा कि 2 साल अंधेरे में रखने के बाद 7 मार्च 2017 को तत्कालीन शहरी विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने बताया JICA इंदौर भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट को फंड करने को तैयार नहीं है, फिर मेट्रो प्रोजेक्ट को गड्ढे में डाल दिया गया. अगर उस समय में ही यह प्रोजेक्ट जापान की कंपनी को दे दिया होता तो अब इंदौर में मेट्रो धरातल पर दौड़ रही होती. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि 50% कमीशन की डील सेट नही होने की वजह से ही पूरा प्रोजेक्ट अधर में लटका हुआ था.
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