MP Election 2023 News: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों (MP Assembly Election) में टिकट की पाने की आस लगाए कांग्रेसी नेताओं (Congress Leader) को कमलनाथ (kamal Nath) ने निराश कर दिया है. पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि इस बार केवल सर्वे के आधार पर ही टिकट वितरण किया जाएगा, ये बात अच्छे से समझ लें. उन्होंने कहा कि जो नेता मेरे फैसले से इत्तेफाक नहीं रखता या टिकट की मांग करता है, वो मेरे पास आकर सर्वे रिपोर्ट (Survey Report) देख सकता है. कमलनाथ के इस बयान से उन कांग्रेसी नेताओं के अरमानों पर पानी फिरता दिख रहा है जो पिछले चुनावों में टिकट की मांग कर रहे थे. 


मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष  कमलनाथ चाहते हैं कि कांग्रेस से सिर्फ उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट दिया जाए जो अपने क्षेत्र में जीत दर्ज करने का दमखम रखते हों. कांग्रेस को अगर ऐसे उम्मीदवार मिलते हैं तो पिछली बार मिली 119 सीटों से ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सभी विधानसभा सीटों पर टिकट का वितरण सर्वे के आधार पर करवाना चाहते हैं. ऐसे में उन सभी कांग्रेसी नेताओं के चेहरे मुरझाने लगे हैं, जिन्हें उम्मीद थी कि दिल्ली में बैठे पार्टी आलाकमान नेताओं के सिफारिश के बाद टिकट मिल जाएगा. 


दिग्विजय सिंह ने सौंपी रिपोर्ट


मध्य प्रदेश के जिन 66 सीटों पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने दौरा किया वे सभी सीटें कांग्रेस हार चुकी है या फिर बीजेपी नेताओं के मुकाबले कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं था, जिसके चेहरे पर चुनाव जीता जा सके. कमलनाथ ने पिछले बार भी सर्वे करवाया था और सर्वे के आधार पर ही कांग्रेस उम्मीदवारों को टिकट वितरण किया था. इस बार भी कांग्रेस नेताओं को कमलनाथ इंटरनल सर्वे के आधार पर टिकट देंगे. जिन सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दौरा कर जांच पड़ताल की है, उन सभी सीटों की रिपोर्ट पीसीसी चीफ कमलनाथ को सौंपी जा चुकी है. ऐसे में कमलनाथ का अपना इंटरनल सर्वे और दिग्विजय सिंह की रिपोर्ट के आधार पर टिकट वितरण किया जाएगा. मतलब ये कि टिकट वितरण का कोई अन्य फॉर्मूला तैयार नहीं किया गया है. 


कमलनाथ टिकट बंटवारे को लेकर अलर्ट


साल 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के 230 सीटों में से 119 सीट पर जीत हासिल की थी. बहुमत के जादुई आंकड़े को पूरा करने के बाद कमलनाथ के अगुवाई में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, लेकिन बीच में ज्योतिरादित्या सिंधिया और उनके समर्थक विधायक ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था. जिससे बीजेपी ने दोबार प्रदेश की सत्ता में वापसी करने कामयाब रही. बीते चुनावों में जीते प्रत्याशियों के द्वारा उठाए गए कमद से कमलनाथ पूरी तरह अलर्ट और सियासी बिसात पर अपनी चाल बहुत सोच समझकर चल रहे हैं, जिससे दोबार कोई गलती नहीं हो. 


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