MP Election 2023 News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने 17 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के एक कार्यकर्ता की मौत होने के सिलसिले में मध्य प्रदेश के छतरपुर में खजुराहो पुलिस थाने के बाहर अपना धरना रविवार को समाप्त कर दिया. राजनगर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)के पदाधिकारियों के साथ झड़प के दौरान एक कार से कुचलकर कांग्रेस कार्यकर्ता सलमान खान की मौत हो गई थी. सिंह ने शनिवार को पार्टी विधायकों आलोक चतुर्वेदी और विक्रम सिंह के साथ अपना धरना शुरू किया था और पुलिस थाने के बाहर एक तंबू में रात भर रुके थे.


बीजेपी की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वी. डी. शर्मा ने निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को की गई एक शिकायत में दावा किया कि पुलिस ने पक्षपातपूर्ण तरीके से काम किया और आरोप लगाया कि चुनाव को प्रभावित करने के लिए कांग्रेस उम्मीदवार विक्रम सिंह नाती राजा ने खान की हत्या कर दी. पुलिस ने शुक्रवार देर रात, राजनगर सीट से बीजेपी प्रत्याशी अरविंद पटेरिया और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था.


सिंह ने रविवार सुबह पत्रकारों से कहा कि मामले में 20 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है लेकिन अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि सलमान जिस वाहन से कुचला गया उसे भी जब्त नहीं किया गया. कांग्रेस नेता ने कहा कि खान का परिवार और वह खुद मानते हैं कि बीजेपी सरकार में न्याय नहीं मिल सकता है.


उन्होंने कहा, ‘‘अब तक, कम से कम एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाना चाहिए था या एक या दो वाहन जब्त किए जाने चाहिए थे. यदि कोई और होता तो अब तक बुलडोजर का इस्तेमाल हो चुका होता (आरोपी की संपत्ति को ध्वस्त करने के लिए, जैसा कि हाल के दिनों में मप्र सरकार द्वारा कुछ मामलों में किया गया है).’’


सिंह ने कहा कि बीजेपी नेता और सरकार चाहते हैं कि पटेरिया के खिलाफ मामला वापस लिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जायेगा क्योंकि यह कोई दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या का मामला है. सिंह ने कहा था कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन राज्य के अन्य हिस्सों में फैल जाएगा. उन्होंने कहा कि पटेरिया मामले में अपने बयान बदल रहे हैं.


प्रदेश बीजेपी प्रमुख शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस पर पटेरिया के खिलाफ पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए ईसीआई को एक ज्ञापन सौंपा. निर्वाचन आयोग को दिए ज्ञापन में बीजेपी ने आरोप लगाया कि खजुराहो थाना प्रभारी संदीप खरे और छतरपुर के पुलिस अधीक्षक अमित सांघी कांग्रेस की मानसिकता के हैं और उम्मीदवार विक्रम सिंह नाती राजा की मदद कर रहे हैं.


शर्मा ने बाद में पत्रकारों से कहा कि पटेरिया की शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और पटेरिया पर विक्रम सिंह और उनके समर्थकों ने कथित तौर पर हमला किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के दबाव में पुलिस ने बिना किसी जांच के बीजेपी के 20 कार्यकर्ताओं सहित 35 लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया.


शर्मा ने आरोप लगाया कि विक्रम सिंह और उनके समर्थकों ने चुनाव को प्रभावित करने के लिए खान की हत्या कर दी.उन्होंने यह भी पूछा कि जब विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता अभी भी लागू थी तो प्रशासन ने पुलिस थाने के बाहर (कांग्रेस के) आंदोलन की अनुमति कैसे दी. पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि और मृतक के परिवार उनसे मिलने आए थे और उन्हें मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है.मृतक के पिता हारुन खान ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के आश्वासन के बाद धरना वापस ले लिया गया.वहीं, दूसरी ओर दिग्विजय सिंह ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए नहीं तो जरूरत पड़ी तो दोबारा आंदोलन किया जायेगा.


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