(Source: Poll of Polls)
MP Elections 2023: बाजी पलटने में माहिर दिग्विजय सिंह! बीजेपी के खिलाफ कम हुई आक्रमकता पर 'सियासी हलचल'
Digvijay Singh: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की खामोशी को लेकर भी मध्य प्रदेश के राजनीतिक सरगर्मी देखने को मिल रही है. पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक आक्रमकता थोड़ी कम हुई है.
MP Election 2023 News: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक आक्रामकता थोड़ी कम हो गई है जिसे लेकर बीजेपी ही नहीं बल्कि कांग्रेस में भी सुगबुगाहट तेजी से चल रही है. हालांकि हमेशा से ही बीजेपी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आरोपों पर कटाक्ष करती आई है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों ऐसी 66 विधानसभा सीटों का दौरा किया था जो लगातार भारतीय जनता पार्टी की झोली में जा रही है.
दिग्विजय सिंह ने यह भी अपने बयानों में कहा कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने उन्हें हारी हुई सीटों पर विजय हासिल कराने की जिम्मेदारी दी है. इसी के चलते हुए लगातार भ्रमण कर जनता के बीच जा रहे हैं. इसी दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस के नेताओं की अलग-अलग क्षेत्रों में बैठके ली और संगठन को मजबूत करने का दावा भी किया.
उन्होंने कांग्रेस नेताओं को यह भी संदेश दिया कि यदि किसी को भी टिकट मिलता है तो सभी मिलकर कांग्रेस के प्रत्याशी को जीत हासिल कराने में मदद करेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक आक्रामकता थोड़ी कम हो गई है. यह राजनीतिक हलकों में तरह-तरह के सवाल खड़ी कर रही है. इसके पीछे बीजेपी और कांग्रेस नेता दोनों ही निकाल रहे हैं.
शायद बीजेपी के इन आरोपों से पीछे हट गए दिग्विजय
जब राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के प्रति आक्रामकता दिखाते हुए कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने यह आरोप लगाना भी शुरू कर दिया कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अब खुद को भावी मुख्यमंत्री के रूप में जनता के बीच जा रहे हैं. हालांकि दिग्विजय सिंह इस बात से स्पष्ट रूप से इनकार करते हुए भावी मुख्यमंत्री के रूप में कमलनाथ का ही नाम लेते आए हैं. गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह को कांग्रेस की राजनीति का राजा साहब ही नहीं बल्कि चाणक्य भी कहा जाता है. बीजेपी के आरोपों के चलते शायद दिग्विजय सिंह अपने थोड़ी आक्रामकता और सक्रियता कम की है.
बाजी पलटने में माहिर हैं दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने 1993 से 2003 के बीच लगातार 10 साल तक मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के पद पर अपना कार्यकाल निभाया जब 1993 में कांग्रेस की सरकार बनी उस समय मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कई नेता शामिल थे.
इनमें प्रमुख रूप से स्वर्गीय माधवराव सिंधिया का नाम सबसे ऊपर चल रहा था लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अर्जुन सिंह का हाथ पकड़कर माधवराव सिंधिया के प्रतिद्वंदी सभी नेताओं को एक कर दिया और फिर इन मौके पर बाजी पलट दी. दिग्विजय सिंह के बारे में यह भी कांग्रेस के नेता अच्छी तरह जानते हैं कि जिसने भी उनसे अदावत कि उस नेता का राजनीतिक भविष्य खतरे में चला गया. कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और विधायक भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से राजनीतिक विचारों का तालमेल नहीं बैठने पर अपनी राजनीति हाशिए पर ला चुके हैं.
दीया बुझने से पहले भपकता है- कमल पटेल
कृषि मंत्री कमल पटेल के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को इस बात का अच्छी तरह ध्यान है कि साल 2023 में कांग्रेस की सरकार बनने वाली नहीं है, इसलिए उन्होंने अभी से चुप्पी साधना शुरू कर दी है. उन्होंने एक कहावत बताते हुए यह भी कहा कि दीया बुझने से पहले भपकता है.पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का समय जा चुका है.
दिग्विजय सिंह की रिपोर्ट तैयार
वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को 66 सीटों की भ्रमण की जिम्मेदारी दी गई थी. इस पर वरिष्ठ नेता रामेश्वर नीखरा के साथ उन्होंने भ्रमण किया और अपनी रिपोर्ट पार्टी को सौंप दी है. दिग्विजय सिंह अपनी रिपोर्ट में सारे तथ्य दिए हैं जिसकी वजह से बीजेपी 66 सीटों पर लगातार जीत रही है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बड़े रणनीतिकार है.वे समय आने पर जरूर अपने शब्दों के बाण चलाएंगे.उन्होंने अभी अपना ध्यान पुत्र जयवर्धन सिंह की राजनीति चमकाने में भी लगा रखा है.