MP Assembly Election 2023: आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर मध्य प्रदेश में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति चरम पर पहुंच गई है. नीमच में बोलते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार के मंत्रियों का व्यवसायीकरण हो गया है. उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार खूब खाओ और खूब खिलाओ के सिद्धांत में विश्वास रखती है, जबकि पीए मोदी ने कहा था ना खाऊंगा न खाने दूंगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पंच, सरपंच, जनपद अध्यक्ष सहित कई पदों का व्यवसायीकरण हुआ है जो जनता के लिए हानिकारक है.
'जावद जनपद अध्यक्ष रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार, फिर भी पद पर कायम'
नीमच जिले की जावद विधानसभा सीट पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए पहुंचे सिंह ने पत्रकारों से बाचतीच के दौरान कहा कि वर्तमान समय में सरकार का पूरी तरह व्यवसायीकरण हो गया है. सभी कार्य के लिए मैन्यू फिक्स कर दिए गए हैं. उन्होंने शिवराज सरकार के उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा पर भी कॉमर्शियल होने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि जावद विधानसभा क्षेत्र के सरपंच बलराम जाट ने जनपद अध्यक्ष गोपाल चरण पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया. यह शिकायत नीचे से ऊपर तक गई लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद लोकायुक्त पुई ने गोपाल चरण को 50000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. इस घटना के कई दिनों बाद तक अभी भी जनपद अध्यक्ष अपने पद पर बने हुए हैं, जबकि धारा 40 के तहत उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए था.
'रकम देकर जिले के अध्यक्ष बने गोपाल चरण'
उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में नीचे से ऊपर तक सब मिले हुए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि पता नहीं कितनी रकम देकर वे जनपद अध्यक्ष बने हैं? शायद इसलिए वसूली में लगे हुए थे. पूर्व मुख्यमंत्री ने पंचायत के अधिनियम को पढ़ते हुए बताया यदि कोई जनपद अध्यक्ष या पंचायत का चुनाव जनप्रतिनिधि अवांछनीय कार्य करता है तो उसे तुरंत पद से हटाया जा सकता है. इस मामले में उन्होंने नीमच कलेक्टर और बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि नीमच जिले के वीरेंद्र कुमार सकलेचा प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, ऐसे जाने-माने राजनीतिज्ञ की जीवन शैली को ध्यान में रखकर मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा और बीजेपी सरकार के मंत्रियों को उनके पदों पर चलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.
'कमीशनबाजी में लिप्त बीजेपी के नेता'
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि कर्नाटक में एक जनप्रतिनिधि पर 40% कमीशन वसूलने का आरोप ठेकेदारों ने लगाया था, उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में भी ऐसे नेता हैं जो कमीशन बाजी कर रहे हैं. उन्होंने पूछा कि नीमच में कितने प्रतिशत कमीशन मांगा जा रहा है? इस पर लोगों के बीच से 35% की आवाज आई तो उन्होंने कहा कि कर्नाटक के मुकाबले नीमच में 5% कम कमीशन मांगा जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एमपी में हर काम के लिए पहले ही कमीशन काट लिया जाता है.
पूर्व मुख्यमंत्री के मुंह से भ्रष्टाचार के आरोप शोभा नहीं देते- सकलेचा
वहीं शिवराज सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आरोपों पर करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सवाल उठाना, शोभा नहीं देता है. सकलेचा ने कहा कि उनके बारे में मध्य प्रदेश की जनता अच्छी तरह जानती है. एमपी की जनता ने उनका कार्यकाल भी देखा है. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कब क्या बोलते हैं? इस बात का उन्हें खुद ही ध्यान नहीं रहता.