MP Assembly Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का औपचारिक बिगुल बजने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. इसके लिए बीजेपी ने अपने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है और अब कांग्रेस की पहली सूची का इन्तजार किया जा रहा है. इसी बीच प्रतिष्ठा की सीटों पर राजनीतिक दांव-पेंच का खेल तेज हो गया है. जबलपुर जिले की एक ऐसी ही सीट है पनागर विधानसभा, जहां कांग्रेस पिछले पांच चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था. यह सीट दिग्विजय सिंह के 'मिशन 2023' में शामिल है.
विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस जहां 'महाकौशल जीतो चुनाव जीतो' के मूल मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है. वहीं बीजेपी भी अपनी मजबूत सीटों पर कमर कसे हुए है. जबलपुर की पनागर विधानसभा सीट भी कांग्रेस की उस फेहरिस्त में शामिल है जिनमें पार्टी के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह खुद चुनावी रणनीति को लेकर मैदान में जुट गए हैं. यहां बीजेपी से दो बार के विधायक सुशील तिवारी इंदू ही कमल चुनाव चिन्ह लेने के सबसे बड़े दावेदार हैं. बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का आशीर्वाद उनके लिए पॉलीटिकल माइलेज बढ़ाने का काम कर सकता है. वहीं, कांग्रेस की तरफ से अभी कई दावेदारों के नाम बनाकर विधानसभा सीट से सामने आ रहे हैं.
20 साल से नहीं खुला है कांग्रेस का खाता
जबलपुर ग्रामीण और शहरी आबादी मिक्स एक बड़ी विधानसभा के रूप में पहचान रखने वाली पनागर की राजनीतिक पृष्ठभूमि विकास के साथ-साथ जातीय समीकरणों पर भी केंद्रित रही है. दो दशकों से यह विधानसभा सीट बीजेपी के पाले में ही गिर रही है और बीते 2 विधानसभा चुनाव से मौजूदा विधायक का जनाधार लगातार बढ़ा है. बीजेपी के ब्राह्मण चेहरे वाले सुशील तिवारी इंदू फिलहाल इस विधानसभा सीट से विधायक हैं, जो कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती माने जा रहे हैं.
साल 2013 का चुनाव हो या साल 2018 के विधानसभा चुनाव, पनागर विधानसभा सीट में बीजेपी का कद लगातार बढ़ता ही गया है. लगातार 20 सालों से अधिक वक्त बीत गए हैं और यह सीट बीजेपी के पाले में ही है.
लगातार बढ़ा है बीजेपी उम्मीदवार का वोट प्रतिशत
बीजेपी उम्मीदवार का वोट प्रतिशत भी लगातार इस सीट पर बढ़ा है. वैसे चुनाव में सुशील तिवारी इंदू के विरोध की बात भी चर्चा में है. यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी अंतिम समय में उनकी जगह किसी और को उम्मीदवार भी बन सकती है. बात कांग्रेस की की जाए तो सबसे प्रबल दावेदार भारत सिंह यादव हैं, जिन्होंने पिछले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर बीजेपी विधायक सुशील तिवारी हिंदू को चुनौती दी थी. भारत सिंह यादव दूसरे तो कांग्रेस प्रत्याशी समिति सैनी तीसरे स्थान पर रहे थे. कांग्रेस की ओर से भारत सिंह यादव के अलावा राजेश पटेल और सत्येंद्र यादव के नाम भी चर्चा में है.
विधानसभा चुनाव के नतीजे
साल 2018 में बीजेपी की ओर से चुनाव मैदान में उतरे सुशील तिवारी इंदू ने 41733 मतों से जीत दर्ज की थी. उन्हें कुल 84302 वोट प्राप्त हुए थे जबकि दूसरे पायदान पर बीजेपी से बागी निर्दलीय उम्मीदवार भरत सिंह यादव को 42569 मत प्राप्त हुए थे. इसी तरह साल 2013 में बीजेपी की ओर से मैदान में उतरे सुशील तिवारी इंदू ने 27954 मतों से जीत हासिल की थी. उन्हें कुल 82358 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहने वाले कांग्रेस के रूपेंद्र पटेल को 54404 मत प्राप्त हुए थे.
वहीं, 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से चुनाव मैदान में नरेंद्र त्रिपाठी उतरे थे. उन्होंने 15120 मतों से जीत दर्ज की थी. उन्हें कुल 41452 वोट मिले थे जबकि दूसरे स्थान पर कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार विजय कांति पटेल को 26332 वोट प्राप्त हुए थे.
पनागर विधानसभा में कुल मतदाता - 255972
पुरूष मतदाता - 131901
महिला मतदाता - 124053
अन्य मतदाता - 18