MP Elections 2023: चार बार के सांसद राकेश सिंह मध्य प्रदेश में जबलपुर जिले की पश्चिम विधानसभा सीट को एक बार फिर बीजेपी के खाते में लाने के लिए विधानसभा चुनाव के समय में पहली बार मैदान में उतारे गए है. टिकट मिलने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब होते हुए राकेश सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता होने के नाते ये मेरी जिम्मेदारी है कि निर्णय को स्वीकार कर आगे बढूं. नेतृत्व की मंशा के अनुरूप देश और प्रदेश की प्रगति के लिए कार्य करना हमारा दायित्व है.


यहां बताते चलें कि पिछले दो चुनाव से जबलपुर की पश्चिम विधानसभा सीट में हार का सामना कर रही बीजेपी का प्रत्याशी बनाये जाने के बाद मंगलवार 26 सितंबर को सांसद राकेश सिंह ने सबसे पहले नर्मदा पूजन किया. इसके बाद सिद्ध गणेश मंदिर, रामलला मंदिर एवं खारी घाट हनुमान मंदिर में पूजन किया.उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि जनता के आशीर्वाद और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की संगठन शक्ति के बल से हम पश्चिम विधानसभा के साथ जबलपुर की सभी 8 सीटों पर विधानसभा का चुनाव जीतेंगे.उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में प्रचंड बहुमत से बीजेपी की सरकार पुनः बनेगी.


सनातन का अपमान करने वालो के साथ खड़ी कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी के द्वारा बीजेपी प्रत्याशियों को रावण, कुम्भकर्ण, मेघनाद कहे जाने पर पलटवार करते हुए राकेश सिंह ने कहा कि हमेशा सनातन का अपमान करने वालो के साथ खड़ी कांग्रेस पार्टी की सोच ऐसी ही हो सकती है.हम तो भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण और नर्मदा मैया को मनाने वाले लोग है.इसीलिए 'जिसकी रही भावना जैसी,प्रभु मूरत देखी तीन तैसी' वाला मामला कांग्रेस के साथ है.


तरुण भनोट के खिलाफ कमजोर कैंडिडेट माना गया
दूसरी तरफ,राजनीतिक जानकार कह रहे हैं कि बीजेपी के सर्वे में जबलपुर की पश्चिम विधानसभा सीट काफी कठिन मानी जा रही थी. यहां से पिछले दो चुनाव में कांग्रेस के तरुण भनोट जीतकर ताकतवर नेता और विधायक बन चुके हैं. कमलनाथ की सवा साल की सरकार में तरुण भनोट को महत्वपूर्ण वित्त मंत्रालय का पोर्टफोलियो भी दिया गया था. कहा जा रहा है कि इस सीट पर पार्टी के सर्वे में बीजेपी की ओर से जितने भी दावेदार थे, उन्हें तरुण भनोट के खिलाफ कमजोर कैंडिडेट माना गया. इसी वजह से पिछले लोकसभा चुनाव में जबलपुर की पश्चिम विधानसभा सीट से 84 हजार से ज्यादा की बढ़त लेने वाले सांसद राकेश सिंह को अप्रत्याशित रूप से तरुण भनोट के खिलाफ मैदान में उतार दिया गया. माना जा रहा है कि अब यह जबलपुर जिले के साथ महाकोशल इलाके की वीआईपी सीट बन गई है. इस सीट के चुनाव प्रचार, मतदान और नतीजे पर सब की नजर रहेगी.


दूसरी बार तरुण भनोट से पराजित हुए थे
आइये जबलपुर की पश्चिम विधानसभा सीट पर, 2008 से लेकर 2018 तक के 3 विधानसभा चुनाव परिणामों पर एक नजर डाल लेते है. यहां से साल 2018 में कांग्रेस के तरुण भनोत को 18,683 मतों से जीत मिली थी, जबकि बीजेपी के हरेंद्र जीत सिंह बब्बू को 63676 वोट हासिल करते हुए दूसरी बार तरुण भनोट से पराजित हुए थे. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में तीन बार के विधायक हरेंद्र जीत सिंह बब्बू को तरुण भनोत ने 923 वोटों से शिकस्त देकर बीजेपी का किला ढहा दिया था. इसी क्रम में साल 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के तरुण भनोत को आने पहले चुनाव में बतौर कांग्रेस उम्मीदवार हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी के हरेंद्र जीत बब्बू ने ही उन्हें 8901 वोटों से हराकर लगातार तीसरी बार विधानसभा में पहुंचने का गौरव हासिल किया था.


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