MP Politics: बीजेपी (BJP) के लिए मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विंध्य इलाके (Vindhya) में अपने कुनबे को संभालना मुश्किल होता जा रहा है. यहां सतना से पार्टी के सांसद गणेश सिंह (Ganesh Singh) और मैहर (Maihar) से बागी विधायक नारायण त्रिपाठी (Narayan Tripathi) ने एक- दूसरे के खिलाफ खुली जंग का ऐलान कर दिया है. पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष के चलते पिछले चुनाव में विंध्य की 30 में से 24 सीट जीतने वाली बीजेपी की राह आने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में मुश्किल होती जा रही है.
पहले समझते हैं कि सतना सांसद गणेश सिंह और मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी के बीच चल रही मतभेद की असल वजह क्या है? राजनीतिक जानकार कहते हैं कि चूंकि नारायण त्रिपाठी बीजेपी को लगभग बाय-बाय बोल चुके हैं.
इस वजह से पार्टी और सरकारी कार्यक्रमों में उन्हें दरकिनार किया जा रहा है. ताजा विवाद तब उठ खड़ा हुआ, जब मां शारदाधाम मैहर में सिविल अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर का लोकार्पण अचानक बीजेपी सांसद गणेश सिंह के फोन आने के बाद रोक दिया गया. इसके बाद ट्रामा सेंटर का लोकार्पण प्रशासनिक अधिकारी और मंत्री के आगमन पर होने की बात कही जाने लगी. इसे लेकर मैहर से बीजेपी के बागी विधायक नारायण त्रिपाठी ने गहरी आपत्ति जताई है.
बागी विधायक ने बीजेपी सांसद पर लगाए ये आरोप
नारायण त्रिपाठी ने इस मामले में सांसद गणेश सिंह पर सीधा हमला करते हुए कहा कि वह जानबूझकर लोकार्पण टाल रहे हैं, जबकि ट्रामा सेंटर का निर्माण राज्य सरकार के द्वारा काराया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि सांसद के द्वारा सतना जिले में कोई भी बड़े कार्य स्वीकृत नहीं कराये गए हैं. इसके बावजूद वह लोकार्पण के लिए दबाव बना रहे हैं. इस मामले की शिकायत वह मुख्यमंत्री से करेंगे. वहीं, बीजेपी विधायक त्रिपाठी ने नाराजगी में चुनौती देते हुए कहा कि सांसद के इस व्यवहार से उनको मैहर के अंदर घुसने तक नहीं दिया जायेगा. बाद में इसका वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल होने लगा.
बीजेपी के बागी विधायक ने नई पार्टी बनाने का किया एलान
उधर, सतना सांसद गणेश सिंह ने विधायक नारायण त्रिपाठी की चुनौती स्वीकार करते हुए कहा है कि अब वे तीन दिन तक मैहर का दौरा करेंगे. त्रिपाठी द्वारा यह कहे जाने पर कि गणेश सिंह उनकी मदद से सांसद बने है, उन्होंने पलटवार किया है. गणेश सिंह ने कहा कि नारायण त्रिपाठी उनकी मदद से दो बार विधायक बने हैं.
दरअसल, मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी और सतना से सांसद गणेश सिंह अपने-अपने वजूद की लड़ाई रहे हैं. नारायण त्रिपाठी ने तो बीजेपी से बगावत करते हुए विंध्य विकास पार्टी का गठन किया है. त्रिपाठी ने यह ऐलान भी किया है कि उनकी पार्टी बिजली की सभी विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.
विंध्य बीजेपी में अंदरुनी कलह से हालात मुश्किल
वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र दुबे कहते हैं कि इस वक्त विंध्य क्षेत्र बीजेपी के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है. यहां साल 2018 में बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें हासिल की थीं. विंध्य की 30 में से 24 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी.
लेकिन अब इलाके में बीजेपी की अंदरुनी कलह से हालत खस्ता लग रही है. यहां बताते चले कि विंध्य को साधने के लिए इलाके में पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के दो बड़े कार्यक्रम हो चुके हैं. इसी तरह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ा दांव चलते हुए रीवा से काटकर मऊगंज को नया जिला बनाने की घोषणा भी कर दी है. नए जिले में मऊगंज, हनुमना, नईगढ़ी और देवतालाब तहसील शामिल की जाएंगे.
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