MP Elections 2023: चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में 6 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत से सत्ता में आने के लिए दोनों ही प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. हालांकि, मध्य प्रदेश की एक महिला विधायक राज्य में स्पष्ट बहुमत की सरकार नहीं चाहती हैं. प्रदेश में बहुमत की सरकार न आए, इसके लिए उन्होंने परमात्मा से भी प्रार्थना की है. महिला विधायक का मानना है कि स्पष्ट बहुमत न आने पर ही उनकी पूछ परख बढ़ेगी.


हैरान करने वाली ये बात कही है पथरिया से रामबाई सिंह परिहार ने. उन्होंने मध्य प्रदेश में बहुमत की सरकार न बनने की इच्छा जताई है. वह चाहती हैं कि 2023 के विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत न मिले. उनका मानना है कि सरकार बनाने में अगर पार्टी के पास बहुमत होता है तो उन जैसे विधायकों की पूछपरख नहीं होती. किसी को बहुमत नहीं मिलेगा तो उनकी पूछपरख बढ़ेगी. वह अपनी शर्तें पूरी करा सकती हैं. विधायक रामबाई ने बताया कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए ऐसा सोचती हैं. 


'सत्ता परिवर्तन से नहीं आया कॉलेज'
पथरिया विधायक रामबाई सिंह परिहार ने अपने क्षेत्र के लोगों से चर्चा में कहा कि मेरी इच्छा थी कि मेरी विधानसभा में कृषि विश्वद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय खोला जाए, लेकिन सत्ता परिवर्तन के कारण यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी. अगर 2023 के चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता और सरकार बनाने में उनकी भागीदारी हुई तो वह अपने क्षेत्र के विकास की शर्त रखेंगी. 


2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम
बता दें साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. उस दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. इस चुनाव में कांग्रेस को 114 सीटें मिली थीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी को 109 से संतोष करना पड़ा था और इस तरह से बीजेपी सरकार पर 15 साल बाद ब्रेक लग गया था. इस चुनाव में बसपा को दो सीटें, सपा एक और निर्दलीय चार विधायक चुनकर आए थे. कांग्रेस ने निर्दलीय विधायकों के दम पर एमपी में सरकार बनाई थी.


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