MP Elections 2023: मध्य प्रदेश की राजनीति में धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के साथ-साथ विस्तारीकरण का भी महत्व बढ़ गया है. इसके लिए कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे के बयानों पर सूक्ष्मता से नजर रख रही है.जैसे ही राजनीतिक दलों को मौका मिलता है वह एक दूसरे पर निशान साथ देते हैं. महाकाल लोक के बाद अब हनुमान लोक मध्य प्रदेश की राजनीति का अखाड़ा बन गया है. 


उज्जैन के महाकाल लोक में तेज आंधी से सप्त ऋषि की मूर्तियों के क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस की राजनीतिक गरमा गई थी.कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगा दिए.इन मूर्तियों को एक बार फिर स्थापित कर दिया गया है. सोमवार को मूर्तियों का अनावरण भी हो गया. महाकाल लोक को लेकर श्रेय की राजनीति के चलते भी बयानबाजी का दौर लगातार चलते रहता है.इसी बीच अब छिंदवाड़ा के हनुमान लोक को लेकर भी राजनीति गरमा गई है.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 314 करोड़ रुपये की लागत से हनुमान लोक का विस्तारीकरण करने का ऐलान कर दिया है.पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक वीडियो ट्वीट कर विशाल हनुमान मंदिर बनाने का श्रेय कमलनाथ को दिया,जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हनुमान की प्रतिमा पूर्व से ही स्थापित होने का दावा करते हुए देखे जा रहे हैं. 


मध्य प्रदेश के बड़े धार्मिक स्थल


मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग धार्मिक स्थलों का महत्व है.इन धार्मिक स्थलों से करोड़ों लोगों की आस्था जुडी हुई है. धार्मिक स्थलों पर उपलब्ध कराई जाने वाली सुख सुविधाओं के जरिए मतदाताओं को आकर्षित करने का सबसे सरल साधन माना जाता है.इसी के चलते मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही धार्मिक स्थलों के विस्तारीकरण को लेकर घोषणाएं कर रही है.मध्य प्रदेश में दो ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर काफी महत्व रखते हैं.इनके अलावा मैहर की माता,दतिया में पीताम्बरी माता का स्थान,आगर में बगलामुखी माता मंदिर,मंदसौर में पशुपतिनाथ मंदिर,देवास में मां चामुंडा का मंदिर,सीहोर के सलकनपुर माता का दरबार प्रमुख रूप से शामिल है. 


हनुमान लोक पर क्यों बढ़ा विवाद 


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5 दिन पहले छिंदवाड़ा में लाडली बहना सम्मेलन और रोजगार दिवस के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए हनुमान लोक के निर्माण की घोषणा कर दी.उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि छिंदवाड़ा में हनुमान मंदिर प्राचीन समय से स्थापित है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का दावा है कि विशाल हनुमान मंदिर की नींव पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साल 2012 में रखी थी.इसके बाद 2014 में मंदिर बनकर तैयार हुआ.इन्हीं बयानों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं.


आमने-सामने हैं बीजेपी और कांग्रेस


शिवराज सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के मुताबिक धार्मिक स्थलों के विकास से मध्य प्रदेश में रोजगार के साधन भी काफी बढ़े हैं. सरकार अपने विकास कार्यों को लेकर जनता के प्रति कटिबद्ध है.कांग्रेस के पास आरोप लगाने के अलावा कोई और काम नहीं है.पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी मध्य प्रदेश की जनता ने 10 साल का समय दिया था. पूर्व मुख्यमंत्री ने 10 साल तक क्या किया? वहीं पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक जब चुनाव आते हैं तब बीजेपी को धार्मिक स्थलों की याद आ जाती है.महाकाल लोक निर्माण और विस्तारीकरण योजना को कमलनाथ सरकार ने स्वीकृत दी थी.कांग्रेस की सरकार बनने के बाद धार्मिक स्थलों का एक बार फिर विस्तारीकरण होगा.उन्होंने कहा कि बीजेपी झूठ की आधारशिला रखकर सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रही है. 


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