MP Elections 2023: अब इस बात पर भिड़ गए सीएम शिवराज और कमलनाथ! चुनावी साल में सामने आया एक और दिलचस्प मुद्दा
MP Elections 2023: CM शिवराज का आरोप है कि साल 2009 से 2014 तक जब केंद्र में कांग्रेस थी, तब MP को 632 करोड़ का रेलवे बजट मिला था, लेकिन PM मोदी ने 2023-24 में 13607 करोड़ रुपये का रेलवे बजट दिया है.
Shivraj Singh Chouhan vs Kamal Nath: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (MP Elections 2023) का समय नजदीक आने के साथ राजनीतिक ग़दर बढ़ती जा रही है. पॉलिटिकल बयानबाजी के फ्रंट पर मोर्चा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamal Nath) ने संभाल रखा है. दोनों एक-दूसरे के हर शब्द और भाषण पर काउंटर कर रहे हैं. ताजा मामला 'रेलवे का अमृतकाल' से जुड़ा है. सीएम शिवराज के कांग्रेस पर लगाए आरोपों के अब बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह कह दिया है कि रेलवे को बेईमान 'डबल इंजन' नहीं, बस एक 'ईमानदार इंजन' की ज़रूरत है.
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने ट्विटर (अब एक्स) हैंडल से एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ''रेलवे का अमृतकाल' आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में स्वर्णिम मध्य प्रदेश का निर्माण हो रहा है. मुझे बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता है कि "अमृत भारत स्टेशन योजना" के अंतर्गत मध्य प्रदेश के 34 रेलवे स्टेशनों का विश्व स्तरीय कायाकल्प होने जा रहा है. मैं समस्त प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.'
सीएम शिवराज ने कांग्रेस पर बोला था हमला
इसी के साथ सीएम शिवराज ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि सरकार-सरकार में फर्क होता है. साल 2009 से 2014 तक जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब मध्य प्रदेश को 632 करोड़ रुपये का रेलवे बजट दिया गया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साल 2023-24 में प्रदेश को 13 हजार 607 करोड़ रुपये का रेलवे बजट मिला है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान के आरोप पर कमलनाथ ने भी तगड़ा प्रहार किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर ही जवाब देते हुए कहा, 'मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं 'रेलवे का अमृतकाल' आ गया है. ऐसे में जनता बीजेपी से सवाल पूछ रही है कि अगर ये झूठ नहीं है तो फिर 'रेलवे के अमृतकाल' में:-
- जनता को रिज़र्वेशन क्यों नहीं मिलता?
- टिकटों की कालाबाज़ारी जारी क्यों?
- ट्रेन में सीट-बर्थ बेचने का धंधा क्यों?
- वरिष्ठ नागरिकों की छूट बंद क्यों हुई?
- ट्रेन समय पर क्यों नहीं चलती?
- प्रतीक्षालयों में अवैध वसूली क्यों?
- चलती ट्रेन में चोरी कौन करवा रहा?
- ट्रेन में ख़राब खाना व गंदे बिस्तर क्यों मिल रहे?
- ट्रेन में व स्टेशन पर MRP से ज़्यादा क़ीमत क्यों?
- स्टेशन पार्किंग में रेट से ज़्यादा वसूली क्यों?
- पार्सल में भ्रष्टाचार क्यों?
- चोरी-छिपे माल भेजने में कर की चोरी का लाभ किसको?
- माल गाड़ी में चोरी की वारदात क्यों बढ़ रहीं?
- अरबों की टेक्नोलॉजी ख़रीदने के बाद भी एक्सीडेंट्स क्यों?
- रेलवे से मुआवज़ा मिलने में सालों क्यों?
- रेलवे ठेकों में पारदर्शिता क्यों नहीं?
- रेलवे की सम्पत्तियों का सही ब्यौरा क्यों नहीं?
कमलनाथ ने आगे लिखा, 'लगता है भाजपाई जुमलाकोश में ‘रेलवे का अमृतकाल’ जोड़ने से पहले, इस पर कोई विचार नहीं किया गया.रेलवे को बेईमान ‘डबल इंजन’ नहीं, बस एक ईमानदार इंजन की ज़रूरत है.'
कमलनाथ और शिवराज एक दूसरे पर हमलावर क्यों?
वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र दुबे कहते हैं कि मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ये तो चुनाव के नतीजे बताएंगे, लेकिन अपने-अपने दल की ओर से शिवराज और कमलनाथ ही राज्य नेतृत्व का प्रमुख चेहरा हैं. इसलिए बड़े राजनीतिक कैनवस पर देखें तो जनता इन्हीं दोनों नेताओं के वादे और आरोपों को गंभीरता से सुनकर मतदान के लिए अपना मन बना रही है. इसी वजह से शिवराज और कमलनाथ एक-दूसरे पर जुबानी हमला करने का कोई मौका नहीं चूकते.
मालूम हो, मध्य प्रदेश में अगली सरकार के गठन के लिए नवंबर में चुनाव हो सकते हैं. राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से जिस दल को भी 116 या उससे अधिक सीटें या विधायकों का समर्थन मिलता है, अगली सरकार उसकी बनेगी. इसी के चलते शिवराज सिंह चौहान अपनी सरकार को बचाने और कमलनाथ नए मुख्यमंत्री बनने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं.
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