MP Elections: चुनाव से पहले 40 करोड़ रुपये का हवाई सफर करेंगे CM शिवराज के मंत्री, सामने आई यह वजह
MP Assembly Elections 2023: विमानों का उपयोग न करने पर भी हर दिन 2 घंटे का किराया एविएशन कंपनी को दिया जाएगा. राज्य सरकार एक महीने का कॉन्ट्रैक्ट कर भोपाल एयरपोर्ट पर ही निजी विमान रखती है.
MP Elections 2023: चुनावी साल में मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार काफी गंभीर है. प्रदेश के हर छोटे-बड़े मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है. सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में किसी तरह की परेशानी न आए, इसके लिए सरकार 12 निजी विमानों का अनुबंध किया है, ताकि सीएम शिवराज सहित मंत्री विमानों का उपयोग कर जनता तक पहुंच सकें. इन विमानों का उपयोग आचार संहिता लगने तक किया जा सकेगा. बता दें राज्य सरकार ने 13 वर्ष में 113 करोड़ 45 लाख 70 हजार 537 रुपये विमानन कंपनियों को किराया भुगतान किया है.
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए शिवराज कैबिनेट ने निजी विमानों के लिए 30 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 40 करोड़ रुपये कर दिया है. इस बजट से विमानन कंपनियों को हवाई यात्रा के लिए भुगतान किया जाएगा. इन विमानों का उपयोग सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित मंत्रिमंडल के सदस्य करेंगे. इन विमानों का उपयोग कर मंत्री जनता के बीच पहुंचेंगे और सरकार की जनहितैषी योजनाओं से जनता को अवगत कराएंगे.
इन विमानन कंपनियों से अनुबंध
मध्य प्रदेश की सरकार ने जिन विमानन कंपनियों से अनुबंध किया है, उनमें विलो सिटी चार्टर प्रालि मुंबई, एयरो क्राफ्ट सेल्स एंड चार्टर नई दिल्ली, सारथी एयरवेज नई दिल्ली, सांई एविएशन नासिक, सिंपसैंप एयरवेज मुंबई, ट्रियमफेंट एविएशन नासिक, रेड बर्ड नई दिल्ली, ओएसएच एयर मैनेजमेंट नई दिल्ली, सिद्धी सिनायक एविएशन नई दिल्ली, जेट सर्व एविएशन गुरुग्राम, चिपसन एविएशन नई दिल्ली तथा यूनिवर्स एविएशन नई दिल्ली शामिल हैं. यह कंपनियों मध्यप्रदेश सरकार को किराए पर विमान उपलब्ध कराएंगी.
गत वर्ष था आठ कंपनियों से अनुबंध
बता दें पिछले वर्षीय 2022-23 में मध्य प्रदेश शिवराज सरकार का आठ कंपनियों से अनुबंध था, जबकि इस वित्तीय वर्ष 12 कंपनियों से कॉन्ट्रैक्ट किया गया है. खास बात यह है कि किराए के विमानों का उपयोग न करने पर भी हर दिन दो घंटे का किराया विमानन कंपनी को भुगतान किया जाएगा. राज्य सरकार एक माह का अनुबंध कर भोपाल एयरपोर्ट पर ही निजी विमान रखती है और ऐसे विमान का प्रतिदिन दो घंटे का किराया देना अनिवार्य होता है, भले ही उसका उपयोग न किया जाए.
अब इन कंपनियों से दो से पांच लाख रुपये प्रतिघंटा के हिसाब से किराया लिए जाएगा. यह निजी कंपनियां जेट और प्रापुलर विमानों के साथ हेलीकॉप्टर भी उपलब्ध कराएंगी.