MP Elections 2023: विधानसभा चुनाव टिकट वितरण से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने  नए प्रयोग के तहत चार राज्यों से अपने विधायकों से मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों पर सर्वे करा रही है. 21 अगस्त से शुरू हुए प्रवासी विधायकों के फीडबैक सर्वे का रविवार को आखिरी दिन है. आखिरी दिन फीडबैक लेने के बाद यह प्रवासी विधायक बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. इन प्रवासी विधायकों की रिपोर्ट के आधार पर ही विधानसभा के प्रत्याशियों का टिकट फाइनल होगा.


आपको बता दें कि इस बार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में विजयी हासिल करने के लिए बीजेपी ने अलग तरह की रणनीति बनाई है. इस रणनीति के तहत चार अलग-अलग राज्यों के विधायक प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर भ्रमण कर लोगों से फीडबैक ले रहे हैं. इन चार राज्यों में गुरारात, महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश से विधायक बुलाए हैं. इन विधायकों को 20 अगस्त को भोपाल की निजी रिसोर्ट में प्रशिक्षण दिया गया था. प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ये विधायक 21 अगस्त से निर्धारित विधानसभा क्षेत्रों के दौरों पर पहुंच गए थे. इन विधायकों के फीडबैक सर्वे का आज आखिरी दिन है. 


इन बिदुओं पर लिया फीडबैक
फील्ड में जाने वाले प्रशिक्षण विधायकों को जो बिन्दु दिए गए थे, उसके मुताबिक मौजूदा विधायकों की स्थिति, क्षेत्र में एंटी इनकम्बेंसी की स्थिति, एंटी इनकम्बेंसी कैसे दूर करेंगे, जिताऊ चेहरा दावेदार कौन, हारी हुई सीटों को जीतने की क्या हो रणनीति, भितरघात की कितनी आशंका है, पार्टी के मैदान मंडल-बूथ कार्यकर्ता का फीडबैक आदि बिदुओं पर इन प्रवासी विधायकों ने चर्चा की है.


निष्पक्ष फीडबैक पर भी उठे सवाल
खास बात यह रही प्रवासी विधायकों के निष्पक्ष फीडबैक पर सवाल भी उठे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर की विधानसभा की जिम्मेदारी कानपुर की विधायक पूनम शंखवार को दी गई थी, लेकिन विधायक शंखवार के फीडबैक सर्वे शुरू वाले दिन से ही विवादों में रहा. पार्टी के विशेष नेताओं के संपर्क में रहने के कारण मंच से ही उन्हें सीहोर विधानसभा के वरिष्ठ नेता जसपाल सिंह अरोरा ने सीख देते हुए सभी के संपर्क में रहने की बात कही थी. इसी तरह भिंड में बीजेपी के गुटों के समर्थकों के बीच फीडबैक सर्वे के दौरान विवाद हो गया था. नतीजतन फीडबैक लेने पहुंचे उत्तर प्रदेश के प्रवासी विधायक को उल्टे पैर ही लौटना पड़ा था. 


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