MP Assembly Elections 2023: कमीशन के वायरल पत्र पर मध्य प्रदेश की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. प्रदेश की दोनों ही प्रमुख पार्टियां BJP और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. अब इसी कड़ी में बीजेपी ने विपक्षी दल कांग्रेस पर वीडियो वॉर किया है. बीजेपी ने न्यूज चैनल की तरह खबर बनाकर एक वीडियो वायरल किया, जिसमें कांग्रेस ने शुरू की तैयारी, भोपाल आ रही है प्रियंका गांधी दिखाया जा रहा है. 


मध्य प्रदेश कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के 50 फीसदी कमीशन को लेकर किए गए ट्वीट पर घमासान मचा हुआ है. भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और पीसीसी चीफ कमलनाथ के खिलाफ राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित 41 जिलों में एफआईआर दर्ज कराई है. 



ये है बीजेपी के वीडियो में
विपक्षी दल कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी ने अब एक वीडियो के माध्यम से घेरने का प्रयास किया है. यह वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. न्यूज चैनल की तरह खबर बनाकर जारी किए गए वीडियो की थीम 'कांग्रेसियों ने शुरू की तैयारी, भोपाल आ रही हैं प्रियंका गांधी' रखी गई है. वीडियो में लिखा गया है कि अगर प्रियंका गांधी झूठी नहीं हैं तो भोपाल आकर पुलिस की जांच में सहयोग करें. 


यह था वायरल पत्र
बता दें बीते दिनों सोशल मीडया पर पेटी कांट्रेक्टरों का एक पत्र वायरल हो रहा था. इस पत्र को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ट्वीट किए थे. सोशल मीडिया पर वायरल पत्र में लिखा था कि लघु एवं मध्यम श्रेणी संविदाकार संघ के ज्ञानेन्द्र अवस्थी ने उच्च न्यायालय ग्वालियर खंडपीठ को पत्र लिखकर बताया कि हमारा संगठन मप्र में निर्माण कार्य करने वाले छोटे पेटी संविदाकारों का प्रदेश स्तरीय संगठन है. हम समय-समय पर अपने साथियों की पीड़ा को सरकार के सामने एकजुटता के साथ लाने का कार्य करते हैं. वर्ष 2012 में अस्तित्व में आए हमारे संगठन की सदस्य संस्थाओं ने प्रदेश में पिछले 10 वर्षों में पेटी कांट्रेक्टर के तौर पर करीब 35000 किलोमीटर की सडक़, 1500 छोटे-बड़े भवन, 1000 से अधिक छोटे-बड़े तालाब सहित कई सरकारी निर्माण कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.


वर्तमान की बीजेपी सरकार जब से अस्तित्व में आई, तब से लेकर अब तक हम संविदाकारों का जीवन नरक की तरह हो गया है. लगभग हर जिले में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्यों के भुगतान लंबित है. किसी भी जिले में पुराने कार्यों का भुगतान करने के लिए कोई बजट नहीं आवंटित किया जा रहा है. विभागीय अधिकारी सरकार से राशि अप्राप्त होने की बात करते हैं. सरकार में कोई सुनने और देखने वाला नहीं है. कुछ दलाल किस्म के लोग सक्रिय हैं जो 50 प्रतिशत कमीशन लेकर भुगतान करा रहे हैं.


'परिवार पालना भी मुश्किल'
हमारा भुगतान मूल ठेकेदार को प्राप्त होने वाले भुगतान पर निर्भर करता है. मूल ठेकेदार हमें निविदा में स्वीकृत राशि का मात्र 40 प्रतिशत हिस्सा देकर कार्य कराते हैं. कुल स्वीकृत राशि में से 50 प्रतिशत राशि कमीशन के तौर पर बट जाती है. 10 प्रतिशत राशि मूल ठेकेदार रखते हैं और शेष 40 प्रतिशत में ही हमें कार्य भी कराना होता है और अपना परिवार भी पालना होता है. आखिर हम पेटी कांट्रेक्टर कहां जाए.


ओएसडी ने 50 प्रतिशत पार्टी के लिए मांगा खर्च
हमारे संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी पीड़ा बताई थी. मुख्यमंत्री ने हमें भुगतान कराने का आश्वासन भी दिया. हमारे लिए अपने ओएसडी को फोन भी किया लेकिन ओएसडी सर से मिलने पर उन्होंने चुनावी वर्ष का हवाला देते हुए भुगतान की जाने वाली राशि का 50 प्रतिशत पार्टी के लिए खर्च करने की बात कहकर हमें निराश किया है. 15 से 20 प्रतिशत का कमीशन प्रचलित था, इस पर किसी को कोई आपत्ति भी नहीं थी, लेकिन 50 प्रतिशत कमीशन की मांग हमें गुणवत्ता से समझौता करने और प्रताड़ित करने के उद्देश्य से की जा रही है. हम सभी का आग्रह है कि पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट जज से कराकर प्रदेश के समस्त लंबित भुगतान कराने की कृपा करे.


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