Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र का शुक्रवार (5 जुलाई) को पांचवां दिन था. इस दौरान बीजेपी विधायक अभिलाष पांडेय ने अल्पसंख्यक शैक्षिणिक संस्थाओं की स्थापना-प्रबंधन का अधिकार खत्म करने का अशासकीय संकल्प पेश किया. दूसरी तरफ बीजेपी विधायक उषा ठाकुर ने कहा कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. 


बीजेपी विधायक अभिलाष पांडे ने मीडिया से कहा कि मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को 10वीं-12वीं की परीक्षा ओपन स्कूल से देनी पड़ती है. उनको समान शिक्षा का अधिकार मुहैया कराने के लिए मैं अल्पसंख्यक संस्थाओं को धारा 30 के तहत मिलने वाली सहायता बंद करने का अशासकीय संकल्प पेश कर रहा हूं. 


मदरसों से इन बातों का मिल रहा संकेत
बीजेपी विधायक उषा ठाकुर ने भी मीडिया से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी किसी से दूरी नहीं है, हम सभी की राष्ट्रवादिता को प्रणाम करते हैं. पर कोई देशद्रोहिता का काम करेगा तो उससे हमारी दुश्मनी पक्की है. मदरसों को लेकर विधायक ऊषा ठाकुर ने कहा कि असम देखिए, जम्मू कश्मीर देखिए, बच्चे कौन सा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे. 


आधुनिक तकनीकि शिक्षा के युग में उन्हें इस प्रकार की शिक्षा से जोड़ना बहुत जरुरी है, जिन्हें मदरसा बोर्ड ने अनुमति नहीं दी, जिन्हें शिक्षा विभाग की अनुमति नहीं है. वह मदरसे कैसे चल सकते हैं? हमारे आयोग के सदस्यों ने मदरसों का दौरा किया, इस दौरान कई मदरसे ऐसे पाए गए जो 8 बाई 10 के कमरे में 30-40 बच्चे भरे हैं. मानव तस्करी, बंधुआ मजदूरी, इन सभी बातों का कही न कही संकेत मिलता है. 


इसी बात को लेकर मध्य प्रदेश की सरकार बहुत सजग और जागरुक है. कठोर कार्रवाई करना ही चाहिए. विधायक ऊषा ठाकुर ने गौ हत्या को लेकर कहा कि गौ हत्यारे अब मध्य प्रदेश में बच नहीं पाएंगे. वहीं उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मीडिया से कहा कि जो मदरसे पोर्टल पर दर्ज है, वहीं चलेंगे, जो नहीं है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.



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