'बीजेपी सदन में मुद्दों के लिए नहीं बल्कि भुट्टा पार्टी के...', सदन की कार्यवाही को लेकर जयवर्धन सिंह का निशाना
MP Assembly Monsoon Session: जयवर्धन सिंह ने कहा कि विधानसभा सत्र में 19 जुलाई तक चर्चा होगी. आज के एजेंडे में हर विभाग पर चर्चा शामिल थी, लेकिन बीजेपी ने ऐसा नहीं होने दिया.
MP Assembly Session: मध्य प्रदेश में विधानसभा सत्र आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. वहीं अब कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को सदन में जनहित के मुद्दों पर चर्चा नहीं की.
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा, "जब विधानसभा सत्र की घोषणा हुई थी, तब कहा गया था कि 19 जुलाई तक चर्चा होगी. आज के एजेंडे में हर विभाग पर चर्चा शामिल थी, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा ने चर्चा नहीं कराई और सिर्फ बुलेटिन पारित कर दिया.
VIDEO | Madhya Pradesh Assembly Session: “When the Assembly session was announced, it was said that discussions would be held till July 19. Today’s agenda included discussions on every department, but the ruling BJP did not conduct discussions and just passed the bulletin,” says… pic.twitter.com/4PH5rCUhkC
— Press Trust of India (@PTI_News) July 5, 2024
वहीं मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन की प्रगति की राज्य स्तर पर समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए. उन्होंने इस योजना के तहत चल रहे कार्यों पर सदन में कुछ विधायकों के चिंता व्यक्त करने के बाद यह टिप्पणी की.
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने जल जीवन मिशन की शुरुआत से जुड़ी कमियों को उजागर करने के बाद सदन से बहिर्गमन किया। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य सभी घरों को पाइपलाइन के जरिये सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है.
विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने कहा कि इस मुद्दे की जांच होनी चाहिए क्योंकि इससे सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि पूरा सदन चिंतित है. इस विषय में सिंघार की कुछ टिप्पणियों को तोमर द्वारा सदन की कार्यवाही से विलोपित किए जाने के बाद कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा से बहिर्गमन कर दिया.
कांग्रेस विधायकों के सदन में लौटने के बाद पार्टी विधायक अजय सिंह ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कामों से भ्रष्टाचार की बू आ रही है और इनमें देरी भी हो रही है.
विधायी कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपने जवाब में कहा कि जिलाधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे जन प्रतिनिधियों के साथ समय-समय पर समीक्षा बैठकें आयोजित करें ताकि इस योजना की कमियां दूर हो सकें और इसके तहत चल रहे काम वक्त पर पूरे हो सकें. उन्होंने यह भी कहा कि योजना से जुड़ी शिकायतों की जांच करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर भेजा जाएगा.
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