MP Assembly Session: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) विधानसभा का सत्र चल रहा है. इसी बीच शुक्रवार को ध्यानाकर्षण में कांग्रेस (Congress) के विधायक डॉ. गोविंद सिंह (MLA Govind Singh) ने भिंड (Bhind) जिले में शासकीय धन के गबन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि एसडीएम और तहसीलदार ने करोड़ों रुपए का गबन कोटवारों के नाम पर किया है. किसानों ने इस मुद्दे को लेकर आंदोलन किया, लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि जब तक इस पर सख्त कार्रवाई नहीं हो जाती, तब तक वे चुप नहीं बैठेंगे. इसके लिए वे कोर्ट और लोकायुक्त ईओडब्ल्यू में भी जाएंगे.
वहीं उनके आरोपों का जवाब देते हुए मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि इसकी जांच कराई गई थी. इसके बाद 2 पटवारियों को निलंबित किया गया था. इसमें दौ सौ करोड़ की वसूली भी हुई है. हालांकि मंत्री के जवाब से डॉ. गोविंद सिंह संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार तहसीलदार और पटवारी को बचा रही है. गोविंद सिंह ने कहा कि करीब 15 करोड़ का गबन हुआ है. इसे लेकर सदन में बहुत शोर-शराबा हुआ. विद्युत विहीन मजरा-टोला में बिजली लगाने के मुद्दे पर भी सदन में जमकर हंगामा हुआ. इसके बाद कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
बिजली को लेकर आदिवासियों से भेदभाव क्यों: हिना कावरे
कांग्रेस की हिना कावरे ने कहा कि सरकार ने जब हर जगह बिजली लगा दी है, तो आदिवासियों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है? उनके क्षेत्र में आज भी बिजली नहीं लगने की वजह से हजारों परिवार अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. इसके बाद ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने उन्हें आश्वस्त किया कि इस मुद्दे पर कुछ निर्णय जरूर लेंगे. सदन में विद्युत विहीन मजरा-टोला में बिजली लगाने का प्रश्न झूमा सोलंकी ने लगाया था, लेकिन वे सदन में अनुपस्थित थीं. उनकी तरफ से कांग्रेस की हिना कावरे ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि 175 ऐसे गांव हैं, जहां बिजली नहीं है. वन विभाग से अनुमति की बात बाकी गांव में आ सकती है, उनके क्षेत्र के 53 ऐसे गांव हैं, जहां कोई समस्या नहीं है. हालांकि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपने उत्तर में कहा कि इन सभी मजरों में बिजली नहीं लग पाने की वजह वन विभाग की अनुमति है.
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