MP Assembly Session Uproar: मध्य प्रदेश विधानसभा का आज पांचवें दिन भी काफी हंगामेदार है. सदन में सभी विधेयक पारित होने के बाद अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान हंगामा हो गया. संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रस्ताव रखा कि विभागवार अनुदान मांगों पर चर्चा करने की बजाए एक साथ सभी विभागों के अनुदान मांगों पर चर्चा की जाए.


इस पर मंत्री विजयवर्गीय ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार से भी सहमति चाही, लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने इसका विरोध किया. इधर विधानसभा अध्यक्ष ने बहुमत के आधार पर एक साथ चर्चा का निर्णय लिया, जिस पर कांग्रेसी विधायक विरोध जताने लगे.


विधानसभा सत्र की कार्रवाई के दौरान जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर सदन में शोर शराबे की स्थिति बनी, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान इस तरह की स्थिति नहीं बनने देनी चाहिए. अनुमति लेकर ही अपनी बात कहनी चाहिए. अध्यक्ष की इस बात से असंतुष्ट हुए विधायक ने सदन से वॉक आउट कर दिया. विपक्षी सदस्य बाहर आकर नारेबाजी करने लगे. 


पान मसाला दुकानों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
विधानसभा में मप्र माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2024 पारित किया गया. इस एक्ट में पान मसाला की दुकानों का रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है. ऐसा नहीं करने पर एक लाख रुपए का जुर्माना निर्धारित किया गया है. इसी तरह गोवंश वध विधेयक पर भी सदन में हंगामा हुआ. विधायक ओंकार सिंह मरकाम ने कहा कि सदन के बाहर सभी धर्मों की एक बैठक बुलाई जाए और गौ माता के महत्व को समझाया जाए.


गाय के चमड़े से बनाई जाती है ढोलक 
विधायक मरकाम ने कहा, ''गौ माता की मृत्यु पर उन्हें खुले में छोड़ दिया जाता है. गाय के चमड़े को निकालकर ढोलक बनाई जाती है और फिर उसी ढोलक से मंदिर में भजन होते हैं''. इस बयान के बाद बीजेपी के विधायकों ने विरोध जताया और सदन में बहस की स्थिति बन गई.


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