MP Politics: ग्वालियर-चंबल के दबदबे में रहने वाला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विधानसभा सत्र पर पहली बार मालवा के कांग्रेसी नेताओं (Congress Leaders) का दबदबा नजर आया. पांच दिवसीय शीतलकालीन सत्र पर मालवा (Malwa) क्षेत्र के चार कांग्रेसी विधायक सरकार पर जमकर बरसे जबकि चंबल क्षेत्र से अकेले कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ही बीजेपी को घेरते नजर आए. यह पहला मौका था जब मध्य प्रदेश के विधानसभा सत्र में मालवा के नेताओं ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई हो.


मध्य प्रदेश की सियासत में चंबल-विंद क्षेत्र का दबदबा


बता दें कि मध्य प्रदेश की सियासत में चंबल-विंद क्षेत्र का अच्छा खासा दबदबा रहा है. ग्वालियर, डबरा, भिंड, लहार, दतिया, मुरैना, अटैर, गोहद सहित अनय विधानसभाओं से कांग्रेस के बड़े नेता आते थे. इन नेताओं में तत्कालीन कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, सत्यदेव कटारे, गोविंद सिंह राजपूत, अजय सिंह राहुल भैया सहित कई बड़े नाम थे. इन नेताओं के चलते मध्य प्रदेश की विधानसभा पर कांग्रेसी नेताओं के मामले में चंबल-विंद के नेताओं का ही दबदबा रहता था, लेकिन अब चंबल क्षेत्र में कांग्रेस के पास बड़े नामचीन नेताओं का अभाव है.


बड़े नाम के रूप में फिलहाल कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ही हैं. बड़े नेताओं के अभाव के चलते पहली बार मध्य प्रदेश के विधानसभा सत्र में मालवा के नेताओं का दबदबा देखा गया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा राऊ, विधायक जीतू पटवारी, कालापीपल विधायक कुणाल चौधरी सहित पूर्व मंत्री सचिन यादव ने पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई. कांग्रेस के इन चारों विधायकों ने बीजेपी की सरकार पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए. 


जब जीतू पटवारी ने बीजेपी को दी चुनौती
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन पांच दिवसीय सत्र के दौरान मालवा के राऊ से विधायक जीतू पटवारी ने सरकार पर जमकर हमला बोल इतना ही नहीं विधानसभा सत्र के बाद भी वे बीजेपी पर गरजते नजर आए. विधानसभा सत्र के समापन के बाद राऊ विधायक जीतू पटवारी ने मीडिया को संबोधित करते हुए बीजेपी सरकार को चुनौती दे डाली.


उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं बीजेपी सरकार को चुनौती देता हूं कि बीजेपी कार्यालय में सरकारी पैसे से पिलाई गई. चाय भी 10-20-30 रुपए की नहीं, बल्कि प्रति नग 400 रुपए की चाय पिलाई गई. 200 चाय का बिल 80 रुपए भुगतान किया गया. इसके मेरे पास प्रमाण हैं. विधायक जीतू पटवारी के आरोपों के बाद बीजेपी के मंत्री भी सफाई देते नजर आए. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बीजेपी कार्यालय में चाय सरकारी पैसे से नहीं, बल्कि बीजेपी द्वारा पिलाई गई. इसी तरह मालवा क्षेत्र के विधायक सज्जन सिंह वर्मा, कुणाल चौधरी व सचिन यादव ने भी सरकार पर सवाल खड़े किए.


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