Pesa Act In MP: आदिवासियों के लिए मध्य प्रदेश में बड़ा कदम, पेसा एक्ट लागू, जानें- क्या होंगे इसके फायदे
मध्यप्रदेश में आदिवासियों के हितों के संरक्षण के लिए पेसा एक्ट लागू हो गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंच से पेसा एक्ट की नियमावली का विमोचन कर उसे लागू करने की घोषणा की.
PESA Act In Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश देश का सातवां राज्य बन गया है,जहां आदिवासियों के हितों के संरक्षण के लिए पेसा एक्ट लागू हो गया है. शहडोल में शहीद बिरसा मुंडा की जयंती पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंच से पेसा एक्ट की नियमावली का विमोचन कर उसे लागू करने की घोषणा की. इससे पहले देश के 6 राज्यों हिमाचल प्रदेश,आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र ने पेसा कानून बनाए हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहडोल में जनजातीय गौरव दिवस समारोह कहा कि राष्ट्रपति के रूप में ये मेरी मध्यप्रदेश की पहली यात्रा है. इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित भाई-बहनों के बीच आकर बहुत खुश हूं. देश में जनजातीय समुदाय की आबादी दस करोड़ है और इसमें से डेढ़ करोड़ से ज्यादा आबादी मध्यप्रदेश में है. आज बड़ा दिन है,जब आदिवासियों के अधिकारों को मजबूत करने पेसा एक्ट लागू हो रहा है.
उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदायों ने स्वाधीनता संग्राम में महान योगदान दिया. मैं सभी ज्ञात-अज्ञात जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों, वीरों-वीरांगनाओं को नमन करती हूं. आजादी के बाद से देश की विकास-यात्रा में जनजातीय लोगों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है. उनके विकास और समृद्धि के लिए शुभकामनाएं देती हूँ.
राज्यपाल और सीएम ने भी किया संबोधित
इसके साथ ही राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि पेसा कानून के अंतर्गत ग्रामसभायें अब बहुत शक्तिशाली हो गयी हैं. वे अपनी जनजातीय परंपराओं, प्रथाओं और सांस्कृतिक पहचान को कायम रखते हुए सामुदायिक साधनों भूमि, जल और वन का प्रबंधन करेंगी. पेसा कानून को जमीनी सच्चाई बनाने के लिए सरकार के साथ समाज की गतिशक्ति को भी जोड़ना जरूरी है.
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में आज से पेसा नियम लागू कर दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि जनजातीय समाज के जल,जंगल और जमीन पर आंच न आए. उनके संकल्प की सिद्धि के लिए मध्यप्रदेश सरकार निरंतर प्रयासरत है. चौहान ने कहा कि पेसा नियमों के विरुद्ध कोई भी काम करेगा,तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. निर्धारित दरों से अधिक ब्याज दर पर कोई ऋण देगा,तो उसे भी किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जायेगा.
सीएम ने कहा कि इसके साथ ही महुआ का फूल, गुल्ली, अचार की चिरौंजी, हर्रा, बहेड़ा, आंवला जैसी सभी वनोपज के संग्रहण का कार्य पेसा कानून के अंतर्गत ग्राम सभा करेगी. वनोपज का मूल्य भी ग्राम सभा ही तय कर सकेगी.
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