Madhya Pradesh Public Service Commission Exam: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा देकर नौकरी का ख्वाब संजोये युवाओं के लिए यह बड़ी खबर है. जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस सुजय पॉल की बेंच ने एमपी-पीएससी 2019 की पूरी भर्ती प्रक्रिया को अपने फैसले के अधीन कर लिया है. मामला आरक्षित वर्ग के मैरिटोरियस छात्रों को अनारक्षित वर्ग में ना चुने जाने का है जिसे हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है.


हाईकोर्ट में दी गई थी चुनौती


आवेदकों की अलग-अलग याचिकाओं में कहा गया है कि राज्य सरकार ने एमपी-पीएससी नियमों में संशोधन कर आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को अनारक्षित वर्ग में ना चुनने का नियम जारी किया था. जिसे पूर्व में हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने खुद इस नियम को गलत मानते हुए उन्हें 20 दिसंबर 2021 को निरस्त कर दिया था. बावजूद इसके एमपी-पीएससी ने पूर्व के नियमों के आधार पर 31 दिसंबर 2021 को पीएससी 2019 के रिजल्ट जारी कर दिए. याचिका में रद्द हुए नियमों के आधार पर जारी रिजल्ट को अवैध बताकर उन्हें खारिज करने की मांग की गई है.


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कब होगी मामले की अंतिम सुनवाई 


याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह ने कहा कि पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने एमपी-पीएससी को नोटिस जारी किया था. इसके बावजूद सरकार पीएससी 2019 की परीक्षाओ के इंटरव्यू 29 मार्च से करने जा रही है. फिलहाल हाईकोर्ट के जस्टिस सुजय पॉल की बेंच ने पीएससी 2019 की पूरी भर्ती प्रक्रिया को इस याचिका पर अपने अंतिम फैसले के अधीन कर लिया है और मामले को फाइनल हियरिंग के लिए 30 अप्रैल की तारीख नियत कर दी है.


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