Bhopal News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की वाटर विजन-2047 कॉन्फ्रेंस हुई. राजधानी भोपाल में कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेशन सेंटर में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें पीएम मोदी वर्चुअली जुड़े. कॉफ्रेंस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan), केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat), केन्द्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल (Prahlad Patel) इस कार्यक्रम में विशेष रूप से मौजूद रहे. 


क्या कहा पीएम मोदी ने
कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा 'जब किसी अभियान से जनता जुटी रहती है, तो उसे कार्य की गंभीरता भी पता चलती है. इससे जनता में किसी योजना या अभियान के प्रति सेंस ऑफ ऑनरशिप आती है. सेंस ऑफ ऑनरशिप सफलता की कुंजी है. पीएम मोदी ने कहा ग्राम पंचायतें अगले पांच साल का प्लान पानी को केन्द्र में रखकर ही बनाएं.'  इतना ही नहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाटर विजन पर सात मंत्र भी दिए.


पीएम मोदी ने दिए सात मंत्र



  • जल संरक्षण के लिए केन्द्र ने अटल भूज संरक्षण योजना को शुरु किया है. ये एक संवेदनशील अभियान है. इसे इतनी ही संवेदनशीलता से आगे बढ़ाने की जरुरत है.

  • ग्राम पंचायतें अगले पांच साल का प्लान पानी को केन्द्र में रखकर बनाएं. कुछ राज्यों में पंचायत स्तर पर वाटर बजट तैयार किया गया है. इसे दूसरे राज्य भी अपना सकते हैं. 

  • जल संरक्षण के क्षेत्र में भी सर्कुलर इकोनॉमी की बड़ी भूमिका है. जब ट्रीटेड वाटर को रीयूज किया जाता है. फ्रेश वाटर को कंजर्व किया जाता है, तो इससे पूरे इकोसिस्टम को बहुत लाभ होता है. 

  • इंडस्ट्री और खेती दोनों सेक्टर्स को ही पानी की कितनी जरुरत होती है. हमें इन दोनों ही सेक्टर्स से जुड़े लोगों में विशेष अभियान चलाकर इन्हें वाटर सिक्योरिटी के प्रति जागरुक करना चाहिए. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सभी राज्यों में तेजी से काम हो रहा है. इसके अंतर्गत पर ड्रॉप मोर क्रॉप अभिायन की शुरुआत की गई थी. 

  •  हमारी कोई भी नदी या वाटर बॉडी प्रदूषित न हो, इसके लिए हमें हर राज्य मेें वेस्ट मैनेजमेंट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर फोकस करना होगा. 

  • हर घर तक पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन आपके राज्य का एक बड़ा डेवलपमेंट पैरामीटर है. कई राज्यों ने इसमें अच्छा काम किया. कई राज्य इसमें आगे बढ़ रहे हैं. अब हमें यह सुनिश्चित करना है कि एक बार ये व्यवस्था बन गई तो आगे भी इसकी देखरेख अच्छे ढंग से चलेगी. 

  • हमें पॉलिसी लेवल पर भी पानी से जुड़ी परेशानियों के समाधान के लिए सरकारी नीतियों से बाहर आना पड़ेगा. हमें प्रॉब्लम को पहचानने और सॉल्यूशन के लिए टेक्नोलॉजी और खासकर स्टार्टअप को जोडऩा पड़ेगा.


दिल्ली जैसी घटना जबलपुर में भी... ट्रक ने टक्कर मारकर मेडिकल स्टूडेंट को 30 मीटर तक घसीटा, मौके पर मौत