Madhya Pradesh News: मंत्री गोविंद राजपूत (Govind Rajput) पर निष्कासित बीजेपी (BJP) नेता राजकुमार सिंह धनौरा (Rajkumar Singh Dhanaura) ने जमकर आरोप लगाए हैं. मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व जिला मंत्री राजकुमार अपने निष्कासन को लेकर फूट-फूट कर रो पड़े. इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी में जमकर राजनीति हो रही है. सुरखी विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय प्रत्याशी की मांग को लेकर किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष राजकुमार सिंह धनौरा ने पिछले महीने सोशल मीडिया पर पोस्ट चलाई थी.


इसमें सुरखी विधायक और राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत के खिलाफ भी लिखा गया था. इस पर बीजेपी हाईकमान ने पिछले हफ्ते किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष पद से हटाने के बाद राजुकमार सिंह को पार्टी से भी छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. धनौरा बीजेपी जिला मंत्री के अलावा युवा मोर्चा, पिछड़ा वर्ग आदि संगठनों में विभिन्न पदों पर रहे हैं. 


बीजेपी नेता प्रताड़ना के शिकार-धनौरा
पूर्व सरपंच रहें निष्कासित बीजेपी नेता राजकुमार सिंह ने मंत्री गोविंद राजपूत पर भ्रष्टाचार के साथ ही मूल बीजेपी कार्यकर्ताओं पर अपराधिक मामले दर्ज कराने के भी आरोप लगाए हैं. निष्कासित बीजेपी नेता राजकुमार सिंह के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थको के बीजेपी में शामिल होने के बाद मूल बीजेपी कार्यकर्ता प्रताड़ित हो रहे हैं. सुरखी क्षेत्र में पुराने बीजेपी नेताओं को प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है.


मंत्री के इशारे पर दर्ज हुए मामले
आगे उन्होंने कहा उन पर अपराधिक मामले भी मंत्री के इशारे पर दर्ज किए जा रहे हैं. इसके अलावा मंत्री गोविंद राजपूत भाई भतीजावाद को बढ़ावा दे रहे हैं. मंत्री के बड़े भाई हीरा सिंह राजपूत जिला पंचायत के निर्विरोध अध्यक्ष बन गए. उनकी भतीजी बहु जनपद की उपाध्यक्ष है. वहीं भतीजे को मोर्चा में पद दिला दिया. इसके साथ ही कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं को पद मिले. इनके चलते सुरखी में पुराने बीजेपी नेताओं की हालत पाकिस्तान में रह रहे हिंदू अल्पसंख्यकों जैसी बन गई है. 


फूट-फूट कर रोए बीजेपी नेता
अपने निष्कासन से दुखी राजकुमार सिंह धनौरा का मीडिया के सामने दर्द छलका. इस दौरान वे रो पड़े. राजकुमार का कहना था कि में 30 साल से पार्टी में हूं और चंद साल पहले बीजेपी में आए नेता मुझे निष्कासित करा रहे हैं. कीड़े मकोड़ों की तरह निकाला जा रहा है.  मुझे अपनी जान का खतरा है. इसके साथ ही झूठे मामले दर्ज कराए जाने की आशंका भी है.


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