MP: एमपी बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा को मिली राहत, मानहानि का मुकदमा रद्द
MP Latest News: भोपाल की एमपी-एमएलए कोर्ट ने प्रभात झा सहित अन्य के खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा निरस्त कर दिया है. मानहानि का मुकदमा कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल ने किया था.
MP News: मध्य प्रदेश बीजेपी (BJP) के पूर्व अध्यक्ष प्रभात झा (Prabhat Jha) को भोपाल (Bhopal) की एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सप्तम जिला जज डॉ. धर्मेंद्र टाडा की अदालत ने कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल की ओर से प्रभात झा सहित अन्य के खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा प्रमाणित नहीं पाते हुए निरस्त कर दिया है. मानहानि के इस मुकदमे में भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा, दिवंगत नंद कुमार सिंह चौहान, कुंवर सिंह और शरदेंदु तिवारी पर 10 करोड़ रुपये का दावा किया गया था.
दरअसल, जिस समय यह मुकदमा दायर किया गया था, उस वक्त अजय सिंह मध्य प्रदेश की चुरहट विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक और नेता प्रतिपक्ष भी थे, जबकि, प्रभात झा राज्यसभा सदस्य और बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष थे. अजय सिंह राहुल का आरोप था कि बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष झा सहित अन्य ने 17 फरवरी 2012 को समाचार प्रकाशित कराया था, जिसमें ग्राम चुरहट में कोल आदिवासियों की भूमि पर कब्जा करने की अनुचित बात शामिल थी.
क्या थे आरोप?
समाचार में यह भी लिखा था कि ग्राम साढ़ा तहसील चुरहट में अजय सिंह राहुल ने अपने भाई अभिमन्यु सिंह को शासकीय भूमि का पट्टा अपने प्रभाव के दुरुपयोग के जरिए गलत तरीके से दिलाया है. इसके साथ ही आदिवासियों को दिए गए पट्टे की भूमि पर अजय सिंह राहुल के परिवार का कब्जा है. पहाड़ी पर 100 एकड़ भूमि है, जिस पर महुए के पेड़ लगे हैं. वन उपज का आधा हिस्सा सिंह परिवार लेता है.
जिला जज ने वाद किया निरस्त
इसी तरह आदिवासियों को महज सौ-सौ वर्गफीट के प्लॉट देकर भूमि से विस्थापित करने आदि के आरोप लगाए गए थे. इससे अजय सिंह राहुल व्यथित हुए और मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया. वही भोपाल के सप्तम जिला जज डॉ. धर्मेंद्र टाडा ने अपने आदेश में लिखा कि जांच के आधार पर वादी अजय सिंह राहुल का वाद निरस्त किया जाता है. निम्नानुसार आज्ञप्ति पारित की जाती है.
1. वादी द्वारा प्रतिवादीगण के विरूद्ध मानहानि के आधार पर दस करोड़ रूपये के संबंध में प्रस्तुत क्षतिपूर्ति का वाद निरस्त किया जाता है.
2. वादी स्वयं का एवं प्रतिवादीगण का वाद व्यय वहन करेगा.
3. अधिवक्ता शुल्क प्रमाणित होने पर या सूची अनुसार जो भी कम हो, देय होगा.
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