Madhya Pradesh High Court: टीकमगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक राकेश गिरी (Rakesh Giri) को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) हाईकोर्ट (Highcourt) से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट के जस्टिस डीके पालीवाल (Justice DK Paliwal) की एकलपीठ ने राकेश गिरी के खिलाफ दायर चुनाव याचिका खारिज कर दी है. कांग्रेस (Congress) के पराजित उम्मीदवार यादवेन्द्र सिंह बुंदेला ने बीजेपी विधायक राकेश गिरी के निर्वाचन को चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की थी.



इस आधार पर की थी निर्वाचन शून्य करने की मांग


इस चुनाव याचिका में कहा गया कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी ने भ्रष्ट आचरण अपनाकर चुनाव जीता है. इसलिए उनका निर्वाचन शून्य किया जाए. आरोप लगाया गया था कि चुनाव के समय टीकमगढ़ नगर परिषद की अध्यक्ष राकेश गिरी की पत्नी थीं. उन्होंने नगर परिषद में कार्यरत 150 दैनिक वेतन भोगियों को चुनाव प्रचार में लगाया गया था.


याचिका में यह आरोप भी लगाया गया था कि चुनाव के दौरान बीजेपी प्रत्याशी ने वोट के लिए उपहार और शराब बांटी थी. लोगों को कंबल और साड़ियों के अलावा नकद रुपये भी दिए गए थे. इतना ही नहीं, बीजेपी प्रत्याशी ने अपने आपराधिक रिकॉर्ड का विवरण भी समाचार पत्रों में प्रकाशित नहीं कराया था. बता दें कि गिरी 41 सौ वोटों से चुनाव जीत गए थे.

आरोप मिले झूठे


सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने पाया कि बीजेपी प्रत्याशी ने आपराधिक रिकॉर्ड का विवरण स्थानीय अखबार में प्रकाशित करवाया था. इसके अलावा याचिकाकर्ता अपने आरोपों के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका. इसके बाद एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए आदेश की प्रति चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष को भेजने के निर्देश दिए. इसके साथ ही उनकी जीत के ऊपर मंडरा रहा खतरा अब टल गया है.


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