Gujarat Formula in MP BJP: आगामी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी किसी भी कीमत पर सत्ता की वापसी चाहती है. पार्टी को सत्ता में लाने के लिए गुजरात फार्मूले पर भी विचार किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक गुजरात फार्मूला लागू होने पर 50 विधायकों और मंत्रियों का टिकट कट जाएगा. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक और मंत्री भी शामिल हैं. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को एक साल से भी कम समय बचा है. बीजेपी सभी 230 सीटों के लिए मंथन कर रही है.


अंदरूनी सर्वे भी करवा लिया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने "अबकी बार 200 पार" का लक्ष्य रखा है. राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पहले ही कह चुके हैं कि बीजेपी गुजरात के फार्मूले पर चुनाव लड़ेगी. जानकारों का कहना है कि गुजरात फार्मूला मध्यप्रदेश में लागू होने पर बड़े फेरबदल देखने को मिलेंगे. वर्तमान में बीजेपी के पास 122 विधायक हैं. ऐसी स्थिति में लगभग 50 विधायकों और मंत्रियों का पत्ता साफ बो सकता है. 


50 विधायक और मंत्रियों के टिकट कटना तय


गुजरात में बीजेपी ने 40 फीसदी नए चेहरों को मैदान में उतारकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. मध्यप्रदेश में भी गुजरात की तर्ज पर 40 फीसदी नए उम्मीदवारों को मौका दिए जाने की पूरी संभावना है. पुराने चेहरों को हटाकर नए चेहरे मैदान में उतारे जाएंगे. बीजेपी के हारे हुए प्रत्याशियों को इस बार विधानसभा चुनाव का टिकट मिलना मुश्किल दिखाई दे रहा है.


मौजूदा मंत्री और विधायकों के टिकट भी काटे जाने की संभावना है. सबसे पहले 70 साल पार विधायकों के टिकट काटे जाएंगे. दूसरे नंबर पर तीन से चार बार के विधायकों को भी टिकट मिलना मुश्किल है. मंत्रियों का टिकट काटने में परफॉर्मेंस और उम्र को आधार आधार बनाया जा सकता है. 


ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी लगेगा झटका!


गुजरात फार्मूले का झटका केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी लग सकता है. शिवराज सरकार में शामिल सिंधिया समर्थक मंत्रियों का पत्ता साफ होगा. एक मंत्री का टिकट उम्र के आधार पर कटेगा. सर्वे में नाम नहीं आने वाले सिंधिया समर्थक आधा दर्जन विधायक और मंत्री शामिल हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया से राय मशवरा के बाद नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जा सकता है. वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा का मानना है कि इस बार सत्ता वापसी के लिए बीजेपी गुजरात की तर्ज पर फार्मूला अपनाएगी.


मध्यप्रदेश में 40 फीसदी से ज्यादा नए चेहरों को मौका दिया जाएगा. वंशवाद की परंपरा को भी खत्म करने की कोशिश की जाएगी. विधायकों और मंत्रियों के परिवार से बाहर नए चेहरों को मौका देकर बड़ा संदेश दिया जाएगा. कीर्ति राणा के मुताबिक विधानसभा चुनाव के 6 माह पहले नए चेहरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी देकर एंटी इनकंबेंसी खत्म करने की कोशिश की जा सकती है. वरिष्ठ पत्रकार संदीप वत्स का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा. उनका मानना है कि नए लोगों को मौका मिलना तय है.


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