MP News: मध्यप्रदेश में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' (Congress Bharat Jodo Yatra) की काट के रूप में बीजेपी (BJP) ने भी एक नई यात्रा निकालने की घोषणा की है. फिलहाल बीजेपी का पूरा फोकस आदिवासी वोटों पर है और उसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने जनजाति गौरव यात्रा (Tribal Gaurav Yatra) निकालने का ऐलान किया है. कहा जा रहा है कि दोनों पार्टियों की जोर आजमाइश अगले साल होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव (MP Assemble Election) में आदिवासी बहुल्य 47 सीटों के लिए हो रही है.


आदिवासियों में पैठ बनाने की रणनीति पर काम कर रही BJP


बीजेपी फिलहाल आदिवासियों में पैठ बनाने की रणनीति पर काम कर रही है. वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र दुबे का कहना है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को अभी तक मिले रिस्पॉन्स से मध्यप्रदेश में बीजेपी थोड़ा सतर्क है. पार्टी के तमाम नेता कांग्रेस की यात्रा और राहुल गांधी को निशाने पर ले रहे हैं. बीजेपी अंदरूनी तौर पर जनमानस में यात्रा के प्रभाव का आंकल भी कर रही है.


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टंट्या मामा की शहादत पर निकालेगी जनजातीय गौरव यात्रा 


पहले बात करते हैं बीजेपी की आदिवासी बहुल्य इलाकों में निकलने वाली जनजातीय गौरव यात्रा की. बिरसा मुंडा की जयंती (Birsa Munda Jayanti) मनाने के बाद अब बीजेपी टंट्या मामा की शहादत (Tantya Mama Martyrdom) पर 20 नवंबर से प्रदेश में जनजातीय गौरव दिवस यात्रा (Tribal Pride Day Yatra) निकाल रही है. यात्रा में भीड़ जुटाने के लिए सारे विधायकों को जिम्मेदारी दी गई है.


पार्टी आदिवासी बहुल्य इलाकों के हर गांव में मंडल स्तर तक यात्रा निकालेगी. 15 दिन की यात्रा में केंद्रीय मंत्रियों से लेकर प्रदेश के मंत्री और प्रमुख नेता शामिल होंगे. आदिवासी बहुल्य इलाकों में बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था.


जयंती मनाने के बाद जननायक टंट्या मामा की शहादत दिवस तक कई आयोजन होंगे. 20 नवंबर से 4 दिसंबर तक टंट्या मामा जनजातीय गौरव दिवस यात्रा निकलेगी. यात्रा का सबसे ज्यादा फोकस मालवा-निमाड़ पर रहेगा. कुक्षी से शुरू की जा रही यात्रा पातालपानी में खत्म होगी.


टंट्या मामा की जन्मस्थली पर आयोजन के बाद यात्रा अगले दिन इंदौर पहुंचेगी. इंदौर में राज्य सरकार बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेगी. आयोजन में कई बड़े नेताओं की मौजूदगी होगी. यात्रा के लिए पार्टी ने विधायकों को भीड़ जुटाने और गांवों में संपर्क साधने का लक्ष्य दिया है.


अजजा मोर्चा अध्यक्ष कलसिंह भाबर को यात्रा की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यात्रा में केंद्रीय मंत्रियों, तमाम विधायकों और आदिवासी जननायकों के परिजनों को बुलाया गया है. अब बात करते हैं मध्यप्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के प्रभाव की. कांग्रेस की नजर पांच लोकसभा सीट पर है. पांचों सीटों खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और देवास पर बीजेपी का कब्जा है.


भारत जोड़ो यात्रा 26 विधानसभा सीट को भी कवर कर रही हैं. 16 सीट पर बीजेपी और 10 सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. खंडवा जिले की चारों विधानसभा सीटें बीजेपी के पास हैं. बुरहानपुर में एक सीट पर बीजेपी और एक पर निर्दलीय काबिज हैं. खरगोन जिले की सभी 5 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.


इंदौर जिले की 9 विधानसभा सीटों में से 6 बीजेपी और 3 कांग्रेस के पास हैं. उज्जैन जिले में 4 सीटों पर कांग्रेस और 3 विधानसभा सीटों पर बीजेपी काबिज है.आगर मालवा जिले में एक सीट बीजेपी और एक कांग्रेस समर्थित के पास है. बता दें कि मध्यप्रदेश में बीजेपी 2003, 2008 और 2013 में लगातार तीन विधानसभा चुनाव जीती थी.


2018 में पार्टी को सत्ता विरोधी लहर के कारण कांग्रेस से हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन कांग्रेस क्षत्रपों में आंतरिक कलह के चलते सरकार लगभग सवा साल चल सकी. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की बगावत के बाद समर्थन में 22 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया.


दल बदलने से राज्य में बीजेपी की फिर से सरकार बन गई. अधिकांश बागियों को बीजेपी ने टिकट दिया और इमरती देवी को छोड़कर सभी जीत गए. जीते बागी विधायकों में से कुछ मंत्री भी बनाए गए. अब यात्रा के बहाने अगले विधानसभा चुनाव की कांग्रेस-बीजेपी ने राजनीतिक बिसात बिछानी शुरू कर दी है.