MP Board Exam 2023 Class 10: दशकों से हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी परीक्षाओं (MP Board Exam) में नकल के लिए बदनाम रहा भिंड जिला अब नकल के दंश से मुक्त हो चुका है. 2015 में भिंड (Bhind) आए तीन आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की तिकड़ी ने नकल माफियाओं पर ऐसा प्रहार किया कि भिंड जिले से नकल का नामोनिशान तक मिट चुका है.
हर वर्ष विषय विशेषज्ञ को किया जाता है नजरबंद
दरअसल, भिंड के कलेक्टर इलैया राजा टी, पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन और जिला पंचायत सीईओ प्रवीण कुमार की तिकड़ी ने नकल माफियाओं पर ऐसा प्रहार किया कि भिंड जिले से नकल का नामोनिशान तक खत्म हो गया है. इन तीनों अधिकारियों ने कई तरह के नए-नए प्रयोग कर नकल माफियाओं की रीड की हड्डी पर प्रहार कर नकल को जिले से पूरी तरीके से नेस्तनाबूद कर दिया. यही वजह है कि अब भिंड जिला नकल मुक्त हो चुका है.
उसी समय से चली आ रही परिपाटी का निर्वहन शनिवार को भी जिला प्रशासन ने विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को नजरबंद कर दिया. हाई स्कूल की शनिवार को हो रही अंग्रेजी पेपर की परीक्षा के दौरान एक दर्जन के करीब अंग्रेजी विषय के शासकीय और अशासकीय विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को रेस्ट हाउस में नजरबंद कर दिया गया है.
इन्हें किया गया नजरबंद
नजरबंद किए गए शिक्षकों में रामवीर भदौरिया, गिरीश, नितिन दिक्षित, बीएस चौहान, मनीष शर्मा, सोनू नरवरिया, आदित्य चौहान, एसबी सिंह, जेपी कुशवाहा, बीएस तोमर अंग्रेजी विषय के विशेषज्ञ शिक्षकों को नजरबंद किया गया है.
नजरबंदी पर शिक्षकों ने जताई नाराजगी
हालांकि, प्रशासन की ओर से नकल रोकने के लिए किए गए इस प्रकार की कार्रवाई पर शिक्षकों ने गहरी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि क्या उनका विषय विशेषज्ञ होना कोई अपराध है, जिस वजह से उनको बेइज्जत कर हर साल नजरबंद किया जाता है. अगर उनको किसी भी प्रकार का इन्वॉल्वमेंट परीक्षा में मिलता है, तो उन पर कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन हर साल प्रशासन परीक्षाओं के दौरान विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को नजरबंद कर बेइज्जत करने का कार्य करता है. जबकि जिले में नकल पूर्ण रूप से समाप्त हो चुका है. फिर भी यह शिक्षकों को बेइज्जत करने वाली परिपाटी जारी है.
प्रशासन ने नजरबंदी से किया इंकार
वहीं, प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम उदय सिंह सिकरवार का कहना है कि जब कभी नकल की स्थिति बनती है, तो विषय विशेषज्ञ शिक्षकों पर आरोप लगते हैं. इसी बात को दृष्टिगत रखते हुए विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को परीक्षा वाले दिन तीन घंटे के लिए सम्मान पूर्वक विश्राम गृह में बिठाया जाता है. इस दौरान इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि शिक्षकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो.
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