MP Board Exam: पुलिस के पहरे में कैदी छात्रा ने दी परीक्षा, सेंटर पर नजारा देख हैरान रह गए दूसरे छात्र
प्रदेश में आज से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं. इस बीच गुना (Guna) के शारदा निकेतन विद्यालय में पुलिस के पहरे में मारपीट की आरोपी एक छात्रा ने भी परीक्षा दी.
MP Board Exam News: आसपास पुलिस का पहरा और हाथों में रस्सी ताकि छात्रा कहीं भाग न जाए, यह नजारा देखकर शारदा निकेतन विद्यालय में परीक्षा देने पहुंचे विद्यार्थियों में हलचल मच गई. इस परीक्षा केंद्र पर जेल से एक छात्रा को पूरी सुरक्षा के बीच परीक्षा देने के लिए लाया गया था. परीक्षा खत्म होते ही छात्रा को फिर जेल वाहन से जेल भेज दिया गया. जेल विभाग में सुपरिटेंडेंट अलका सोनकर बताती हैं कि विचाराधीन कैदी को न्यायालय के आदेश पर किताबें मुहैया करा दी जाती हैं.
जानें क्या है पूरा मामला?
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक 4 फरवरी को नानाखेड़ी इलाके में मारपीट की घटना हुई थी. एक युवती के साथ छेड़छाड़ के विवाद के बाद मारपीट का पूरा मामला सामने आया था. कुछ लोगों ने युवक के हाथ पैर बांधकर उसे पीटा. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ, जिसके बाद गुना पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए कुछ लोगों को गिरफ्तार किया. इन लोगों में संध्या साहू नामक कक्षा 12वीं की छात्रा भी थी. वारदात के बाद से ही छात्रा जेल में बंद है. छात्रा को नियम अनुसार गुरुवार को परीक्षा दिलवाने के लिए जेल वाहन से पुलिसकर्मी शांति निकेतन विद्यालय लेकर पहुंचे. यहां पर तलाशी के बाद छात्रा को परीक्षा कक्षा में प्रवेश दिया गया. छात्रा ने दूसरे विद्यार्थियों की तरह पूरा प्रश्न पत्र दिया. इस दौरान महिला पुलिसकर्मी दरवाजे पर निगाह जमाए हुए बैठी रही. जैसे ही संध्या का प्रश्नपत्र पूरा हुआ और वह बाहर निकली, वैसे ही महिला पुलिसकर्मी ने उसके हाथ में पुन: रस्सी बांधी. इसके पश्चात छात्रा को जेल वाहन में बिठाकर जेल ले जाया गया.
जेल मैन्युअल के हिसाब से रहती है व्यवस्था
जेल विभाग में सुपरिटेंडेंट के पद पर पदस्थ अलका सोनकर बताती हैं कि विचाराधीन कैदी को न्यायालय के आदेश पर किताबें मुहैया करा दी जाती है, जबकि सजायाफ्ता बंदियों को जेल प्रशासन स्वयं अपनी ओर से पुस्तकें मुहैया कराता है. जेल में पढ़ने की व्यवस्था भी रहती है. इसके अलावा जब परीक्षा होती है तो बंदी के लाने ले जाने का पूरा इंतजाम किया जाता है. जेल में बंद कई सजायाफ्ता बंदी भी परीक्षाएं देते हैं लेकिन उन्हें खुला पत्राचार के माध्यम से परीक्षा दिलवाई जाती है.
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