जबलपुर: विंध्य की माटी को गौरव से भर देने वाले सतना के बलिदानी सपूत शंकर प्रसाद पटेल का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर देर शाम उनके पैतृक गांव पहुंच गया. गर्व और गम के बीच उनके परिजनों और गांव वालों ने अपने शहीद सपूत की अश्रुपूरित नयनों से अगवानी की. प्रशासन के आला अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे.


इसके पहले जम्मू-कश्मीर के सुजवां सेक्टर में हुए आंतकवादी हमले में शहीद हुए शंकर प्रसाद पटेल का पार्थिव शरीर विमान से शाम को जबलपुर पहुंचा. यहां से सेना के जवानों ने शहीद शंकर प्रसाद पटेल की पार्थिव देह को सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव नौगवां, सतना के लिए रवाना किया. रविवार 24 अप्रैल को सुबह 9 बजे पूरे राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार जाएगा.


ग़ौरतलब है कि केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के एएसआई (ASI) शंकर प्रसाद पटेल जम्मू-कश्मीर के सुजवां सेक्टर में पदस्थ रहे, जहां पर हुए आंतकवादी हमले में उन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. इसके पहले आज सुबह हमले में शहीद हुए शंकर प्रसाद पटेल को जम्मू-कश्मीर में सैन्य अधिकारियों ने भावभीनी श्रृंद्धाजलि अर्पित की. इसके बाद उनका पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ विमान से जबलपुर के डुमना विमानतल पर लाया गया. यहां पर सेना के जवानों ने सुसज्जित वाहन से सड़क मार्ग से उनके गृहनगर नौगवां रवाना किया. जहां पर उनका पूरे राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.


शंकर प्रसाद पटेल साल 2024 में सेवानिवृत होने वाले थे
शंकर प्रसाद पटेल सीआईएसएफ में एएसआई के रुप में भिलाई, छत्तीसगढ़ में पदस्थ रहे, जिन्हे विशेष ड्यूटी पर 18 अप्रैल को ही कश्मीर भेजा गया था. जहां पर उनके काफिले पर 22 अप्रैल की सुबह 4 बजे के लगभग आंतकवादियों ने हैंड ग्रेनेड फेंककर हमला कर दिया. इस हमले में शंकर प्रसाद पटेल शहीद हो गए. शंकर प्रसाद पटेल साल 2024 में सेवानिवृत होने वाले थे. यह भी जानकारी मिली है कि शंकर प्रसाद ने एक दिन पहले ही अपनी पत्नी व बच्चे से फोन पर बातचीत करते हुए हाल जाना था. उन्होंने जल्द घर आने की बात भी कही थी.


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